नहीं सुलझ रही इस गांव की पहेली, दो महीने 6 दिन के भीतर 20 लोगों की मौत
लगातार हो रही मौतों से गाँव से लोग कर रहे हैं पलायन
नहीं सुलझ रही इस गांव की पहेली, दो महीने 6 दिन के भीतर 20 लोगों की मौत
सिटी पोस्ट लाइव, स्पेशल : सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के संतपुर गांव में दो माह के दौरान 20 लोगों की मौत होने से इलाके में ना केवल सनसनी फैली है बल्कि आमलोगों खासे दहशत और भय के माहौल में हैं। एक के बाद एक की मौत होने से लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा हो रही है। सहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के संतपुर गांव का आलम ये है कि अब गांव में बाहर के लोग सहित रिश्तेदार भी इस गाँव आने से हिचक रहे हैं। इतना ही नहीं होम डिलेवरी अखबार और पानी देने वाला भी गांव में आने से हिचक रहा है। इसी दौरान मनीष कुमार नामक युवक भी मौत हो गई थी जिसका आज श्राद्ध का भोज है लेकिन मृतक मनीष कुमार के यहां भोज खाने के लिए एक भी ग्रामीण तैयार नही है। ग्रामीणों को एक ही बात का डर सताए जा रहा है कि अगली बारी किसकी है। हुआ यूं कि पहले एक श्राद्ध के भोज खाने वाले दो युवकों की मौत हुई। फिर दो अन्य श्राद्ध का भोज खाने से पांच युवकों की मौत हुई। लोगों को लग रहा है कि भोज मौत की बड़ी वजह है। मौत से पहले मृतक के पेट में दर्द होता है, फिर उल्टी होती है और वह बेहोश हो जाता है। जबतक उसका ईलाज शुरू होता है,उसकी मौत हो जाती है।
हांलांकि पेट दर्द, उल्टी और बेहोशी से कई और लोगों की मौत बिना भोज खाये हुई है लेकिन गाँव के लोग भोज के नाम से ही काँप रहे हैं। मृतक मनीष के पिता मुक्ति यादव ने बताया कि गांव में एक की मौत होने के बाद जैसे ही उसका क्रियाकर्म समापन की ओर होता है की दूसरे व्यक्ति की मौत हो जाती है।जिस कारण ग्रामीण श्राद्ध का भोज खाने को तैयार नहीं है। पहले तो लोगों ने इसे सहजता से लिया। लेकिन जब धीरे-धीरे मौत का यह सिलसिला बढ़ने लगा तो गामीणों में भय का माहौल कायम हो गया है। अब कोई इसे घातक बीमारी तो कोई इसे दैविक और ईश्वरीय प्रकोप बता रहे हैं। अब सच जो भी हो लेकिन लगातार हो रही मौत ने लोगों को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है।
सब से बड़ी बात यह है जिसे एक ही पुत्र है वैसे लोग गांव ही नहीं बल्कि जिला छोड़ कर दूसरी जगह चले गए हैं। इसके अलावे गांव के युवा भी बहुत ही भयभीत हो गए हैं जिस कारण गांव छोड़ कर दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं। पहले जब वृद्ध व्यक्ति मरते थे तो लोग यही समझते थे की उम्र ज्यादा होने के कारण इनकी मौत हुई है। लेकिन जब युवाओं की मौत होने लगी तब गांव के लोग घबराने लगे। ग्रामीणों ने बताया की वृद्ध के साथ-साथ अब युवा भी चपेट में आ रहे हैं। बताया जाता है कि पहले पेट में दर्द और उल्टी होने का अहसास होता है और जबतक उसे उपचार के लिये ले जाया जाता है तबतक उसकी मौत हो जाती है।ग्रामीणों ने बताया कि लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते हैं ।हद की इंतहा तो यह है कि इस गाँव के लोगों के रिश्तेदार भी यहाँ आने से अब हिचकते है।
इस घटना की सूचना पाकर मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव संतपुर गांव पहुंच कर घटना का जायजा लिया साथ ही ग्रामीणों को सांत्वना दी।उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों की मौत हो रही उसे चिंता का विषय है। वे इस मुद्दे पर राज्य सरकार से बात करेंगे और उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे। फिलवक्त सहरसा के सिविल सर्जन डॉ0 शैलेन्द्र कुमार के निर्देश पर कई डॉक्टरों की टीम संतपुर गांव में कैम्प कर रही है। पीड़ित ग्रामीणों का ब्लड लिया गया है, जिसे जांच कराने के लिए भेजा जा रहा है। ग्रामीणों के लिए दवा भी उपलब्ध कराया गया है और पूरे गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। ताकि दुबारा इस घटना का कोई शिकार ना हो। सिटी पोस्ट लाइव परिवार इस घटना से बेहद मर्माहत है। पप्पू यादव अपने बयान पर कायम रहें और राज्य सरकार को संतपुर बड़ी जांच टीम को भेजने के लिए विवश करें। वैसे इलाके में यह गाँव मौत वाला गाँव के नाम से विख्यात होने लगा है।
सहरसा से पीटीएन मीडिया न्यूज ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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