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मानवता हुई शर्मसार, इलाज करने से डॉक्टरों ने किया इंकार, तड़प-तड़पकर मरीज की मौत

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मानवता हुई शर्मसार, इलाज करने से डॉक्टरों ने किया इंकार, तड़प-तड़पकर मरीज की मौत

सिटी पोस्ट लाइव : रोहतास जिले के नासरीगंज के रेफरल अस्पताल में मानवता एक बार फिर शर्मसार हुई. नासरीगंज प्रखंड के माली टोला के 60 वर्षीय आद्र भगत पेट में दर्द की शिकायत लेकर अपने परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचे, लेकिन ओपीडी कक्ष में बैठे डॉक्टरों ने उन्हें देखने से इंकार कर दिया और कहा कि यहां कुछ नहीं हो सकता है. कुछ देर तक मरीज तड़पता रहा और आधे घंटे के बाद अस्पताल परिसर में ही उसने दम तोड़ दिया. वहीं मरीज की मृत्यु के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया,  जबकि एंबुलेंस वहीं खड़ी थी.

अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि एंबुलेंस सिर्फ BPL और आधार कार्ड रखने वालों के लिए है सामान्य नागरिकों के लिए नहीं है. जिसके बाद परिजनों ने मृतक के शव को एक ठेले पर लादकर ले गए. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुशासन की सरकार में इस तरह की मानवता खुद को शर्मसार करती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मरीज की मौत अस्पताल प्रबंधन के कारण हुई है.

गौरतलब है कि आये दिन सरकारी अस्पताल में इस तरह की घटनाएं घटित होती हैं, जिनमें या तो मरीज की सही तरीके से इलाज नहीं होती या इलाज करने से ही मना कर दिया जाता है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन अपनी डॉक्टरी कला के बल पर ये बोलकर बच जाते हैं कि मरीज की स्थिति पहले से ही बहुत गंभीर थी. हमने बचाने का अथक प्रयास किया लेकिन हम सफल नहीं हो सके. लेकिन सबसे बड़ी बात इस घटना में ये सामने आई है कि क्या किसी गरीब के मरने उपरांत भी bpl और apl पूछा जायेगा. क्या इंसानियत बिल्कुल ख़त्म हो चुकी है? नासरीगंज के रेफरल अस्पताल परिसर में जिस व्यक्ति की मौत हुई, उससे भी यही बात कहकर दुत्कार दिया गया.

रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट

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