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बाढ़ से बेहाल बिहार का जिलावार जानें हाल, तिरहुत नहर तटबंध भी टूटा.

 

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है.अबतक दस जिलों की 50 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ की चपेट में आ चुकी है. कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, अधवारा, बागमती, महानंदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा नदी में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया. जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी सभी तटबंध सुरक्षित हैं. गंडक नदी के पानी का दबाव तटबंधों पर है. इधर केवटी प्रखंड की करजापट्टी पंचायत के बिरने गांव में शनिवार को दोबारा बागमती नदी का पूर्वी तटबंध टूट गया.

जलसांसाधन विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में अवधारा समूह की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. सीतामढ़ी में अवधारा समूह की नदियां लाल के ऊपर बह रही है. इधर महानंदा और भूतही बलान में भी ऊफान है. महानंदा लाल के ऊपर और बलान नीचे बह रही है, लेकिन दोनों का जलस्तर बढ़ रहा है.पटना मौसम विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार बूढ़ी गंडक स्थिर है, जबकि कमला, घाघरा और कोराई नदी लाल निशान के ऊपर बह रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार इन नदियों में बढोतरी जारी हैं.

मौसम विभाग से जारी आंकड़ों के अनुसार बागमती का जलस्तर अब घटने लगा है. वैसे नदी अभी भी लाल से ऊपर पर बह रही है. गंगा का जलस्तर अब बढने लगा है. वैसे अभी भी गंगा बिहार में खतरे के निशान से नीचे बह रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर बक्सर और दीघा में बढ़ने लगा है. भागलपुर के कहलगांव में भी गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है.बूढ़ी गंडक में बढ़ते जलस्तर की सतत निगरानी रखी जा रही है. सीमवर्ती ज़िलों के पदाधिकारियों एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंताओं के साथ समन्वय रखा जा रहा है. इसी क्रम में तटबन्ध के कटाव प्रवण क्षेत्रो का भ्रमण किया गया. सभी तटबन्ध पूरी तरह सुरक्षित हैं.

समस्तीपुर जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कल्याणपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित पंचायतों में परिचालन हेतु चल रहे नावों के साथ साथ बांध पर स्थित राहत केंद्र को सैनीटाइज कराया गया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारा का वितरण किया गया.जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया. करेह नदी के जल स्तर में लगातार हो रही है. बढ़ोतरी को लेकर अलर्ट जारी किया है. तटबंध के अंदर बसे लोगों को ऊँचे स्थानों पर जाने की हिदायत दी गयी है. माइकिंग कर लोगों को अलर्ट किया जा रहा है. शिवाजीनगर ,सिंघिया ,हसनपुर और बिथान प्रखंड प्रभावित हो सकते हैं.

मौसम विभाग ने दो जिलों सीवान और सारण के लिए अलर्ट जारी किया है. विभाग की ओर से जारी चेतावनी के अनुसार अगले तीन घंटों में इन दोनों जिलों में वर्षा और वज्रपात की आशंका है. लोगों को नदी में जाने और बादल छाने पर बिना कारण घर से नहीं निकलने की सलाह दी गयी है. तिरहुत नहर का तटबंध टूटा. पानी के दबाव के तटबंध सौ फीट से ज्यादा में टूट गया. सकरा और मुरौल प्रखण्ड के सैकड़ो घर बाढ़ में डूबे. बड़े पैमाने पर क्षति की आशंका. बाढ़ के पानी में डूबने से शनिवार को उत्तर बिहार के सीतामढ़ी में दो, पूर्वी चंपारण में एक, मधुबनी में एक, सहरसा में पांच व खगड़िया में एक की मौत हो गयी. सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग जगहों पर बाढ़ के पानी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गयी.

कटिहार जिले के मनसाही में महानंदा व कमला नदियों में पानी का बढ़ना जारी है. हजारों एकड़ भूमि की फसल बाढ़ पानी से जलमग्न हो गयी है. फिलहाल कमला नदी के उफान से मनसाही के कुरेठा पंचायत व फुलहारा पंचायत के खेतों में लगी हजारों एकड़ भूमि पर लगी धान, मखाना, मकई, पाट, साग सब्जी जैसे फसलों के डूबने से किसानों की पूंजी भी डूब चुकी है. इससे किसान हताश हैं. नदियों में पानी बढ़ने से सहरसा में भी किसान भयभीत हैं. हालांकि, अभी पानी नहीं भरा है.

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार को कोसी नदी का जल स्तर खगड़िया जिले के बलतारा व और कुरसेला में खतरे के निशान से थी. गंडक नदी का जल स्तर रेवा घाट में और गोपालगंज के डुमरिया घाट पर खतरे के निशान से ऊपर थी. बागमती, कमला बलान व अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. गंगा नदी के जल स्तर में मामूली उतार-चढ़ाव जारी रहा. पटना के दीघा घाट पर जल स्तर 48.43 मीटर था यह 15 सेंमी बढ़कर 48.58 मीटर हो गया. पटना के गांधी घाट पर 47.52 मीटर था इसमें 10 सेंमी की बढ़ोतरी हुई यह 47.62 मीटर हो गया.

दरभंगा के केवटी प्रखंड में बागमती नदी का पूर्वी तटबंध का पानी गांव में फैलने लगा है. तटबंध टूटने की सूचना पर दर्जनों लोग इसके बचाव में लग गये़ ग्रामीणों ने बताया कि नदी से पानी निकलना बंद नहीं हुआ, तो बिरने गांव पानी में डूब जायेगा. साथ ही यह पानी हरपुर, शीशो पूर्वी, करकौली होते हुए बाजार समिति शिवधारा तक फैल जायेगा. हालांकि, देर शाम इस तटबंध की मरम्मत करने में ग्रामीण सफल हो गये. बांस-बल्ला के साथ मिट्टी भरी बोरी डाल गांव में फैलते पानी को रोक दिया, लेकिन जिन गांवों में पानी पसर गया है़.

एनडीआरएफ की 21 टीमें 13 जिलों में तैनात हैं. सारण में पांच, पूर्वी चंपारण में तीन, दरभंगा में दो-दो, गोपालगंज में कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, सीवान, वैशाली, मुजफ्फरपुर जिले में एक-एक टीम तैनात हैं. कमांडेंट विजय सिन्हा ने कहा कि शनिवार को सारण और दरभंगा जिलों में बाढ़ग्रस्त इलाके में एनडीआरएफ की टीमों ने 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया. उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू ऑपेरशन चलाकर एनडीआरएफ के कार्मियों ने बाढ़ में फंसे 9,100 से अधिक लोगों सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

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