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बिहारी मजदूरों के वापस आ जाने से पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मचा हाहाकार

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बिहारी मजदूरों के वापस आ जाने से पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मचा हाहाकार.

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना को लेकर देश में जारी लॉक डाउन में फंसे बिहारी कलतक दुसरे राज्यों की सरकारों के लिए भार बने हुए थे.लेकिन अब जब धीरे धीरे लॉक डाउन के बीच काम शुरू होनेवाला है तो फिर से उन्हें बिहारी मजदूर याद आने लगे हैं. पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली समेत तमाम कई राज्यों में फंसे बिहार के मजदूर दाना-पानी के लिए मुंहताज बन गए थे. दिल्ली और नॉएडा में फंसे बिहारी मजदूर केजरीवाल सरकार और यूपी सरकार के लिए भार बने हुए थे. उन्हें लॉक डाउन के दौरान राहत पहुंचाने की बजाय  बसों से उन्हें बिहार भेंज दिया.लेकिन अब जब काम करने के लिए मजदूर चाहिए तो उन्हें बिहार की फिर से याद आने लगी है.दिल्ली,पंजाब,राजस्थान और गुजरात सरकार अब बिहार सरकार से बिहारी मजदूरों को वापस भेंजने की गुहार लगा रही हैं.

बिहार के लाखों मजदूर दुसरे राज्यों में काम करते हैं.ये  लोग इन राज्यों में मजदूरी करके अपना जीवनयापन करते थे. इन मजदूरों के घर लौट जाने से राज्यों को बहुत अधिक चिंता सता रही है. खेती किसानी, निर्माण कार्य और भी कई कामों के लिए कई राज्य इन प्रवासी मजदूरों पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं और अब उनके लौट जाने के बाद इन लोगों के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई है. अब राज्यों के मुख्यमंत्री उन प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं, जो या तो अन्य राज्यों जैसे कि बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में अपने घरों को लौट गए हैं या फंसे हुए हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया वो बिहार के मजदूरों को उनके प्रदेश भेज दें. उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर पंजाब में हैं उन्हें यहीं रहना चाहिए. राज्य सरकार उनकी देखभाल करेगी. जो लोग वापस बिहार चले गए हैं, वो वापस आ जाएँ.पंजाब के  वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का कहना है कि उन्हें  वर्तमान गेहूं की कटाई को लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन उनकी चिंता आगामी धान की फसल है, जो पूरी तरह से प्रवासी श्रमिक बल पर निर्भर है.

कुछ ऐसा ही हाल तेलंगाना का है. तेलंगाना के मुख्य सचिव, सोमेश कुमार ने हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से बात की, उनसे अनुरोध किया कि वे राज्य की चावल मिलों में काम करने के लिए मजदूरों को वापस लौटने के लिए कहें. यहां तक कि उन्होंने उन्हें बस से तेलंगाना लाने की पेशकश की और वादा किया कि उनकी हर चीज का ध्यान रखा जाएगा. दिल्ली, नॉएडा, गाजियाबाद में भी मजदूरों की किल्लत हो गई है.अब वहां के लोगों को भी बिहारी मजदूर याद आने लगे हैं.

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