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सोशल मीडिया पर पूछे जाने लगे सवाल, कोरोना संकट में कहां ‘गायब’ कन्हैया कुमार?

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सोशल मीडिया पर पूछे जाने लगे सवाल, कोरोना संकट में कहां ‘गायब’ कन्हैया कुमार?

सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट (Corona crisis) को लेकर चल रहे लॉकडाउन के बीच जेएनयू (JNU) के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) लगातार गायब रहे. अब जब वो सामने आये हैं तो उनके गायब रहने को लेकर सवाल किये जा रहे हैं.गौरतलब है कि लॉक डाउन के दौरान कन्हैया कुमार के गायब रहने को लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. कन्हैया कुमार   28 मार्च को अपने आखिरी ट्वीट के बाद 11 अप्रैल तक गायब रहे. 13 और 14 अप्रैल को कन्हैया कुमार ने ट्वीट किया.

11 अप्रैल से किए गए ट्वीट्स में एक समानता भी दिख रही है. जानकारों का मनना है वे अपने एजेंडे के साथ ही लौटे हैं. 13 अप्रैल को जालियावालाबाग और बैसाखी को लेकर ट्वीट किया. वहीं 12 अप्रैल को कटाक्ष करते हुए उन्होंने लिखा, इतने दर्दनाक माहौल में भी अगर आप किसी से नफ़रत कर पा रहे हैं तो यकीनन आपके इंसान होने पर शक है.

11 अप्रैल को उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, अभी-अभी ‘ज्योतिबा फुले’ की कालजयी रचना “ग़ुलामगिरी” को फिर से पढ़ा. महात्मा फुले को उनके सामाजिक न्याय के संघर्षों के लिए नमन. खबर लिखे जाने तक उनका आखिरी ट्वीट 14 अप्रैल को उन्होंने बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के जन्मदिन को लेकर अपनी भावना का इजहार किया है.

जाहिर है कोरोना संकट के दौरान लगातार 13 दिनों तक वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी गायब रहे.बहरहाल सोशल मीडिया पर तो उन्होंने अपने खास एजेंडे के साथ वापसी कर ली है, पर बेगूसराय के लोग, (जहां से उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा) वहां के लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि चुनाव के दिनों में साथ निभाने का वादा करने वाले कन्हैया इस कोरोना काल में गायब क्यों हैं?

बेगूसराय के निवासी बीजेपी के एमएलसी रजनीश कुमार ने कहा है कि जिस समस्या के समय क्षेत्र के लोगों के साथ रहना चाहिए, वे गायब हैं. बीजेपी एमएलसी ने कहा कि वे अपने आपको बेगूसराय का बेटा कहते थे. यहां चुनाव लड़ने के लिए रिकॉर्ड के 72 लाख रुपये चंदा भी जुटाया और जब लोगों की सेवा करने का मौका आया तो यहां से लापता हैं. कन्हैया ऐसे समय में यहां के लोगों के साथ रहना चाहिए था.

गौरतलब है  कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या के लिहाज से कन्हैया कुमार का गृह जिला बेगूसराय राज्य में दूसरे स्थान पर है और उसे हॉटस्पॉट घोषित किया गया है. राज्‍य के सर्वाधिक 29 मामले सिवान से मिले हैं. जबकि, आठ मामलों के साथ बेगूसराय में. इसके साथ बिहार में कोरोना पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा 66 पहुंच गया है.

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