DY CM के निर्देश पर जारी 750 कर्फ्यू पास कैंसिल, संकट में किसान और खेती.
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने 7 अप्रैल को कृषि कार्य के लिए 750 कर्फ्यू पास जारी किए जाने की जानकारी दी थी.ये पास इसलिए दिए गए थे ताकि बिहार के किसान पंजाब हरियाणा से हार्वेस्टर ड्राइवर को बिहार लाकर गेहूं के कटनी करवा सकें. 8 अप्रैल को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दूसरे राज्यों से ड्राइवर लाये जाने का सवाल जोरशोर से उठा क्योंक ये संक्रमण को बढ़ा सकता है.
इस बैठक में शामिल कृषि विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य के 11 जिलों में जिला प्रशासन द्वारा कंबाइंड हार्वेस्टर चलाने हेतु राज्य के बाहर से ड्राइवर मंगवाने के लिए 690 परमिट निर्गत किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बहार के ड्राईवरों को परमिट दिए जाने के फैसले को खतरनाक बता दिया.उनक कहना था कि अन्य राज्यों से कंबाइन हार्वेस्टर के ड्राइवर बिहार में आ रहे हैं जो कोरोना संक्रमण को बढ़ा सकते हैं.उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में यह उचित नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के परामर्श के आलोक में सहमति बनी कि जो भी हार्वेस्टर चालक आये हैं उन्हें तत्काल क्वॉरेंटाइन करने की जरूरत है. साथ ही जिलाधिकारी इनकी जांच की तत्काल व्यवस्था करेंगे एवं उनसे कोई कार्य नहीं लिया जाएगा.क्वॉरेंटाइन अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा.
मुख्य सचिव द्वारा सारा कफ्यू पास कैंसिल कर दिए जाने और पंजाब, हरियाण और यूपी के हार्वेस्ट ड्राइवरों को 14 दिनों के क्वारेंटाइन करने के निर्देश दे दिए जाने से किसान संकट में हैं.मुख्य सचिव के इस आदेश के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. रामकृपाल यादव ने कहा है कि ऐसे अब किसान अब क्या करेंगे. उनके फसलों की कटाई कैसे होगी? सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए रामकृपाल यादव ने कहा कि किसानों ने लाखों खर्च कर ड्राइवरों को बुलाया है और अब सरकार कह रही है कि इन्हें वापस भेद दो ऐसे में किसानों के सामने बड़ी समस्या आ जाएगी.
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