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लॉकडाउन के बीच एक-एक नागरिक की सुरक्षा की गारंटी ले सरकार : मुकेश सहनी

देश में भूखे सो रहे हजारों मजदूर से ज्‍यादा सरकार की प्राथमिकता है थाली पिटवाना और दिया जलवाना

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लॉकडाउन के बीच एक-एक नागरिक की सुरक्षा की गारंटी ले सरकार : मुकेश सहनी

सिटी पोस्ट लाइव : देश मे कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों तथा जरूरतमंदों के लिए विकासशील इंसान पार्टी के द्वारा लगातार प्रयास जारी हैं. पार्टी अध्यक्ष मुकेश सहनी की पहल पर बिहार से बाहर फंसे मजदूरों की सुरक्षा तथा सलामती के लिए पार्टी द्वारा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को खत लिखकर मोनिटरिंग की जा रही है.

पार्टी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने आज दरभंगा के सुपौल बाजार में बाहर फंसे जरूरतमंदों को आर्थिक मदद भिजवाई. साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पार्टी नेताओं एवं पदाधिकारियों द्वारा कंट्रोल रूम तथा कॉल सेंटर के माध्यम से पूरे देश में फंसे जरूरतमंदों की हरदंभव मदद के सभी स्तर पर प्रयास जारी हैं.

इस दौरान सन ऑफ मल्लाह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के हजारों मजदूरों को केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा भोजन-पानी की सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है. पार्टी की कोशिश है कि ज्यादा-से-ज्यादा मजदूरों तथा जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जाए. पार्टी द्वारा बिहार में भी जगह-जगह पर जरूरतमंद लोगों तक हर तरह की सहायता पहुंचाई जा रही है. साथ ही पार्टी द्वारा कोरोना रोकथाम के लिए जन-जागरूकता तथा दूसरे कई तरह की पहल जारी है.

उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में अपनी जवाबदेही से दूर भाग रही है. साथ ही प्रधानमंत्री यह साबित करने में लगे हैं कि जनता उनके साथ है. उन्होंने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री को यह साबित करना है कि वे देश के साथ हैं कि नहीं है? सरकार अपनी तमाम जिम्मेदारियों से किनारा कर देश में डर और पैनिक क्रिएट करने की कोशिश कर रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 1000 देने की घोषणा महज खानापूर्ति है. सरकार को हर नागरिक के खाते में 10000 रुपये का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए. साथ ही पंचायत स्तर पर लिस्ट बनाकर इसकी मोनिटरिंग होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस समय जब प्रदेश के हजारों-हजार मजदूर दूसरे राज्यों से सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने राज्य लौटने को विवश हुए, कइयों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार इनकी सुरक्षा को लेकर असंवेदनशील तथा लापरवाह रवैया अपना रही है. पैदल लौट रहे मजदूर रास्ते में दम तोड़ रहे हैं. इनकी सुरक्षित वापसी के क्या इंतजाम किए हैं सरकार ने? अभी भी हजारों मजदूर अपने घरों से दूर हैं. इनको सुरक्षित रखने तथा इनकी सही-सलामत वापसी सुनिश्चित होनी चाहिए.

सन ऑफ मल्लाह ने देशवासियों से इस संकट की घड़ी में कदम-से-कदम मिलाकर चलने की अपील की है. उन्होंने कहा कि साथ मिलकर इस महामारी से देश तथा समाज को पूरी तरहमुक्त किया जाएगा.

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