पीएम की ओर से देशवासियों को निराशा की तरफ ले जाने का संदेश मिला : भट्टाचार्य
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि नॉवेल कोरोना के कारण महाप्रलयकारी विश्व व्यापी मानवता को बचाने के इस संकट कालीन दौर में देश के प्रधानमंत्री द्वारा देशवासियों के लिए दिए गए संदेश में झारखण्ड राज्य सहित समस्त देशवासियों को निराशा की तरफ ले जाने का संदेश मिला। भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि विज्ञान और तर्क के इस युग में टोना-टोटका द्वारा इस महासंकट को टालने की जो कोशिश या पहल की जा रही है। वह कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है।
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झारखण्ड जैसे अत्यंत दुर्गम एवं पिछड़े राज्य में जहां विगत पांच वर्षों में इवेंट के नाम पर खजाना खाली कर दिया गया एवं देश के समस्त मुख्यमंत्रियों से प्रधानमंत्री द्वारा विगत दिनों दो बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाद स्थापित किया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों ही बार झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से राज्य की पीड़ा एवं असुविधाओं के संबंध में कोई भी संवाद स्थापित नहीं किया गया। इस राज्य में विगत शासन के द्वारा जो खस्ताहाल स्वस्थ संरचना एवं आधारभूत सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया, उसके कारण राज्य में आज स्वस्थ सेवा को लेकर चिंता की स्थिति है।
सीमित संशाधन एवं जनता के प्रति प्रतिबद्धता ही हेमन्त सोरेन सरकार की कुल जमा पूंजी है। हेमन्त सोरेन के सजगता एवं सक्रियता, स्वस्थ मंत्री बन्ना गुप्ता सहित मंत्री परिषद के सभी मंत्रियों के कुशल कार्य क्षमता, राज्य के मुख्य सचिव से लेकर निचले पायदान पर खड़े सफाई कर्मचारी, पुलिस महानिदेशक से लेकर होम गार्ड के जवानों द्वारा जिस तत्परता के साथ सेवा प्रदान किया जा रहा है। साथ ही साढ़े तीन करोड़ प्रदेश वासियों के जो सक्रिय सहयोग इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में दिख रहा है वो देश के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि ताली-थाली, दीया-बाती से कोरोना के खिलाफ जंग नहीं जीता जा सकता। क्या घर के सारे बत्तियां बन्द कर देने से कोरोना किसी का घर पहचान नहीं पाएगा या टॉर्च जलाकर देशवासी अपने घर के बाहर निकल कर कोरोना को खोजने का काम करेंगे। पासपोर्ट की खता बीपीएल, एपीएल सहित 80 प्रतिशत देशवासियों को चुकाना पड़ रहा है। यह समय इवेंट के नहीं हो सकता।
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