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परदेस से अब तक 1लाख 80 हजार लोग पहुंचे बिहार, सबको घर पहुंचा रही सरकार

CM नीतीश कुमार ने दिया सभी कार्डधारियों को जल्द 1 हजार रू उपलब्ध कराने का निर्देश.

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परदेस से अब तक 1 लाख 80 हजार लोग पहुंचे बिहार, सबको घर पहुंचा रही सरकार

सिटी पोस्ट लाइव : परदेस में कमाने गए अब तक 1 लाख 80 हाजर से अधिक लोग बिहार आ चुके हैं. सरकार का दावा है कि उनकी स्क्रीनिंग कराई जा रही है और सब पर निगरानी रखी जा रही है .इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज हाई लेवल मीटिंग की और लॉक डाउन की वजह से बिहार के बाहर फंसे अप्रवासी बिहारियों एवं बाहर से आए लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर बैठक की. बैठक में डिप्टी सीएम सुशील मोदी के अलावे कई मंत्री और अधिकारी मौजूद थे.

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में बाहर से अब तक 180652 लोग आए हैं. उनके लिए गांव के स्कूलों में आवासन एवं भोजन की व्यवस्था की गई है .मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग बाहर से आए हैं उनके भोजन एवं आवासन की व्यवस्था के साथ चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराएं .सीमावर्ती जिलों में आपदा राहत केंद्रों में पूरी व्यवस्था रखें .गांव के स्कूलों में लोगों के आवास में भोजन की उचित व्यवस्था रखें और सरकारी कर्मचारी को प्रभारी बनाकर बेहतर ढंग से काम कराएं.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी समुचित प्रबंध  करें.शहरी इलाकों के मजदूरों के लिए राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं उनकी संख्या बढ़ाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं वे वहीं पर रहे सरकार उनकी पूरी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है .उन्होंने कहा कि सरकार राज्यों की सरकारों से समन्वय स्थापित कर सभी समस्याओं का समाधान कर रही है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकार ने सभी राशन कार्ड धारियों को ₹1000 देने का निर्णय लिया था उसे जल्द से जल्द खाते में अंतरित कराएं.

गौरतलब है कि लॉक डाउन के बीच डेढ़ लाख से ज्यादा बिहारियों के राज्य में पहुँच जाने से सरकार की चुनौती बढ़ गई है. सबसे बड़ी चुनौती ईन सभी लोगों की स्क्रीनिंग है.उसके बाद उन्हें भोजन आवास उपलब्ध कराने की चुनौती भी है.बाहर से आये लोगों को गावं में स्कूल में रखकर उनकी स्क्रीनिंग और ईलाज की व्यवस्था की जा रही है.गौरतलब है कि बिहार में अभीतक कोरोना जांच के लिए तीन सेंटर ही हैं, ऐसे में बाहर से आये डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग एक दुरूह कार्य बन गया है.

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