क्यों कोरोना के गंभीर मरीजों को छोड़ दिया जा रहा है मरने के लिए, जानिए
सिटी पोस्ट लाइव : ब्रिटेन जैसे विकसित देश कोरोना से नहीं लड़ पा रहे हैं, ऐसे में भारत के पास इससे लड़ने का केवल एकमात्र तरीका है-लॉकडाउन का कड़ाई के साथ पालन करना.जब विकसित देश की स्वास्थ्य व्यवस्था फेल हो चुकी है ऐसे में भारत में अगर इसने गंभीररूप ले लिया तो किसी का बचाना मुश्किल हो जाएगा. ब्रिटेन से जो एक खबर आ रही है, वह हर भारतीय के लिए एक सबक है.खबर के अनुसार ब्रिटेन में कोरोना के गंभीर मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है क्योंकि प्राथमिकता वैसे मरीजों का ईलाज करना है जिन्हें बचाने की संभावना ज्यादा है.
कोरोना वायरस लगातार लोगों को अपने चपेट लेता जा रहा है.भारत में अबतक 15 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है. कोरोना के खतरे को देखते हुए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. ब्रिटेन से जो खबर आ रही है उसके अनुसार वहां कोरोना के मरीज इतनी ज्यादा संख्या में गंभीर हालत पहुंच चुके हैं कि देश के अस्पतालों के पास इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में बेड्स की कमी हो गई है. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने आशंका जताई है कि लंदन में अगले तीन दिनों में ICU बेड कम पड़ने लगेंगे और ब्रिटेन में दो हफ्तों में.
एक नर्स ने बताया है कि अब यहां बेहद गंभीर लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है. ताकि बाकी लोगों को बचाया जा सके. हैरो स्थित नॉर्थविक पार्क हॉस्पिटल ने द टेलीग्राफ अखबार को यह जानकारी दी. जिसे डेली मेल ने प्रकाशित किया है.नर्स ने बताया कि डॉक्टर भी अब सिर्फ उसी मरीज का इलाज कर रहे हैं जिसके बचने की उम्मीद है. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अब यहां किसी भी अस्पताल के ICU में बेड्स नहीं बचे हैं. मरीज ज्यादा हुए तो दिक्कत हो जाएगी.
ब्रिटेन और लंदन की हालत भी इटली जैसी हो रही है. वहां समझ में नहीं आ रहा है कि किस मरीज को वेंटीलेटर पर रखें और किसे छोड़ दें. ज्यादातर लोग जो मारे गए हैं वो बुजुर्ग थे. उनका शरीर वायरस से लड़ने के लिए साथ नहीं दे रहा था.
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