कोरोना वायरस : तेजस्वी ने दिया एक महीने का वेतन, कहा-ज़िम्मेदारी से अपना-अपना कर्तव्य निभाएँगे
सिटी पोस्ट लाइव : पूरा विश्व कोरोना वायरस के खतरे से झूझ रहा है. बिहार सहित देश के कई राज्यों में शहरों में लौकडाउन किया जा चुका है. कोरोना वायरस के संक्रमण को हर हाल में रोकने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. सूबे के मुखिया ने बिहार में 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन की घोषणा की और कई तरह के निर्देश भी जारी किए . वहीं बिहार वासियों को इस भीषण आपदा की स्थिति सहयोग करने की अपील की. वहीं अब कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे बिहार की मदद के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पहल की है.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा कि इस कठिन घड़ी में सभी सामर्थ्यवान राज्यवासी ज़िम्मेदारी से अपना-अपना कर्तव्य निभाएँगे। साथी बिहारवासियों के जीवन सुरक्षा का ज़िम्मा लेंगे। जितना बन पड़ेगा, उतना करेंगे। कोरोना से लड़ेंगे, मिलकर उसे हराएँगे, बिहार को सुरक्षित बनाएँगे।
इस कठिन घड़ी में सभी सामर्थ्यवान राज्यवासी ज़िम्मेदारी से अपना-अपना कर्तव्य निभाएँगे। साथी बिहारवासियों के जीवन सुरक्षा का ज़िम्मा लेंगे। जितना बन पड़ेगा, उतना करेंगे। कोरोना से लड़ेंगे, मिलकर उसे हराएँगे, बिहार को सुरक्षित बनाएँगे।#Covid_19india pic.twitter.com/YZg84RNfZ7
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2020
वहीं तेजस्वी ने मुख्यमंत्री राहत कोष में जहां अपनी एक महीने की सैलरी देने का ऐलान किया है, वहीं इस कठिन समय में अपने सरकारी आवास को भी आइसोलेशन सेंटर, जांच केंद्र या क्वॉरेंटाइन के लिए इस्तेमाल किए जाने की सरकार से पेशकश की है.
तेजस्वी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बिहार में कोरोना वायरस से फैलाव और उसके चलते हुई मृत्यु दुखद है. समय आ गया है कि हम सभी इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई तेज करें. सरकार को हर लापरवाही त्याग कर त्वरित एक्शन लेना होगा. उन्होंने लिखा है कि इस लड़ाई में हम सभी सरकार का हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
तेजस्वी ने लिखा है कि मुझे नेता प्रतिपक्ष होने के नाते पटना में जो सरकारी आवास मिला है मैं चाहूंगा कि उस आवास का उपयोग सरकार अपनी सुविधानुसार करे और कोरोना से लड़ने के लिए सार्थक कदम उठाए. तेजस्वी ने लिखा है कि बिहार में कोरोना से एक जान चली गई है, लेकिन अब और नहीं. कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार की सकारात्मक पहल में पूरा सहयोग देंगे, लेकिन किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि आखिरकार सवाल एक जिंदगी का है.
जाहिर है यह लॉक डाउन बिहार के सभी 38 जिलों के जिला मुख्यालय,अनुमंडल मुख्यालय,प्रखंड मुख्यालय और नगर निकायों पर लागू होंगे ।इस दौरान निजी क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सा सेवा,दूर संचार सेवा,बैंकिंग और एटीएम सेवाएं,डेयरी और डेयरी से सम्बंधित प्रतिष्ठान,खाद्यान और किराने के प्रतिष्ठान,फल-शब्जियों की दुकानें,दवा की दुकानें, सर्जिकल आईटम्स सम्बंधित संस्थान,पेट्रोल पंप,सी.एन.जी. सेंटर,एलपीजी गैस एजेंसी,पोस्ट ऑफिस,कुरियर सेवाएं,ई कॉमर्स सेवाएं,इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया,मालवाहक वाहन, एम्बुलेंस और आपातकालीन सेवाओं से सम्बंधित वाहन परिचालन की अनुमति रहेगी ।विभागीय गाड़ियों को इससे अलग रखा गया है ।सभी सरकारी कार्यालयों में आमजन के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का अधिकार सामान्य प्रशासन पर होगा ।
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