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झारखंडवासियों को कोरोना को लेकर डरने की आवश्यकता नहीं

कोरोना वायरस के सैंपल की जांच अब राज्य में ही होगी

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झारखंडवासियों को कोरोना को लेकर डरने की आवश्यकता नहीं

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंडवासियों को कोरोना को लेकर डरने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स ने कोरोना को लेकर पूरी तैयारी कर रखी है। वहीं सरकार ने भी सभी अस्पतालों को अलर्ट जारी कर दिया है। कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल अब कोराना की पुष्टि के लिए पुणे या कोलकाता नहीं भेजे जाएंगे। अब राज्य में ही कोरोना के सैंपल की जांच होगी। यह सुविधा आज शुक्रवार से एमजीएम, जमशेदपुर में शुरू की गयी।  वहीं, अगले सप्ताह से रांची के रिम्स में भी संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जा सकेगी। रिम्स में इसकी तैयारी की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना समेत अन्य वायरस की जांच के लिए रियल टाइम
पीसीआर मशीन की जरूरत होती है। यह मशीन एमजीएम के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में लगभग डेढ़ साल से उपलब्ध है। लेकिन यहां जांच नहीं हो पा रही थी। अब कोरोना के बढ़ते खतरे से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इसे शुक्रवार से कार्यशील करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने रिम्स में भी आरटी पीसीआर मशीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राशि उपलब्ध कराई है। उम्मीद है अगले सप्ताह से कोरोना के सैंपल की जांच रिम्स में भी उपलब्ध हो जाएगी। एक का सैंपल रिजेक्ट, नये मरीज का सैंपल लिया रिम्स में कोरोना के तीन संदिग्ध मरीजों के बुधवार को माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा लिए गए सैंपल में से सीआरपीएफ के जवान का सैंपल एनआईसीईडी कोलकाता ने रिजेक्ट कर दिया है। भारत सरकार के जारी गाइडलाइन के अनुसार यह संदिग्ध मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है। इसने विदेश यात्रा नहीं की है। यही वजह है कि एनआईसीईडी कोलकाता ने इसकी जांच करने से मना कर दिया। दूसरी ओर रांची के ही दो संदिग्ध (पति-पत्नी) के सैंपल की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। ये दोनों जर्मनी की यात्रा कर लौटे थे। वहीं, गुरुवार को सऊदी की यात्रा कर लौटे 88 वर्षीय बुजुर्ग के स्वाब व ब्लड का सैंपल माईक्रोबायोलॉजी विभाग ने लेकर शुक्रवार को जांच के लिए एमजीएम, जमशेदपुर भेज दिया। रिम्स में 16 बेड का बना है। आइसोलेशन वार्ड रिम्स अस्पताल में 100 बेड का पेइंग वार्ड सुपरस्पेसियलिटी परिसर में बनाया गया है। जहां चारा घोटाला मामले में लंबे समय से सजायाफ्ता कैदी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का इलाज चल रहा है। अब कोरोनो के अलर्ट के बाद पेइंग वार्ड के तीसरे तल्ले पर 16 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां रिम्स की एक टीम भी तैनात है। वहीं कमरों में लगातार दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है।

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