कोरोना वायरस के कारण बिहार नहीं आ रहे विदेशी सैलानी, पसरा सन्नाटा.
सिटी पोस्ट लाइव: चीन के वुहान में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) की असर अब सीधे बिहार के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन (International Tourism) स्थल और सर्व धर्म संगमों जैसे स्थल पर पड़ रहा है. बिहार (Bihar) में तो इस वायरस का ऐसा असर हुआ है कि महज चार महीने में ही विदेशी सैलानियों की संख्या आधी हो गई है. बिहार के राजगीर (Rajgir) और नालंदा (Nalanda) खण्डहर समेत अन्य कई दर्शनीय स्थल जहां विदेशी पर्यटकों की भीड़ खास कर के इस सीजन में आती थी अब सन्नाटा सा पसरा है. देशी विदेशी सैलानियों से खचाखच भरे रहने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में वीरानगी छाई हुई है.
विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में देशी पर्यटकों की संख्या 62 हजार थी. विदेशी की संख्या 6500 थी. दिसम्बर में 76 हजार देशी और पांच हजार विदेशी पर्यटक आए थे. जनवरी के आंकड़े की बात करें तो इस महीने में 70 हज़ार देशी और चार हजार विदेशी पर्यटक नालंदा आए वहीं फरवरी में देशी पर्यटकों की संख्या 55 हजार रही जबकि विदेशी सैलानी करीब तीन हजार मात्र आए.
अभी ठंड के जाते हुए गुलाबी मौसम में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर, नालंदा खंडहर , पावापुरी, कुंडलपुर समेत अन्य कई दर्शनीय स्थल देशी विदेशी सैलानियों से खचाखच भरा रहता था. और लगभग अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट के अलावे सड़को पर काफी देशी विदेशी पर्यटकों की भीड़ नजर आती थी. लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि दर्शनीय स्थल पर वीरानगी छाई हुई है. दुकानदारों का भी कहना है कि कोरोना वायरस का असर पर्यटन स्थल के साथ उनकी दुकानदारी पर भी पड़ने लगा है. यहां पहले प्रति दिन तीन हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक की आमदनी कर लेते थे लेकिन अब तो एक हजार रुपये पर भी आफत हो गयी है.अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के कुंडपर, विश्व शांति स्तूप, सोनभंडार, जरासंध अखाड़ा ,मनियार मठ कुंडलपुर ,नालंदा खंडहर, समेत अन्य कई दर्शनीय स्थल है जो देशी विदेशी सैलानियों से पटे रहते थे लेकिन अभी सैलानियों का आना बिलकुल बंद हो गया है.
Comments are closed.