कन्हैया कुमार ने BJP पर साधा निशाना, कहा- देश को दंगाइयों से आज़ादी चाहिए.

City Post Live

कन्हैया कुमार ने BJP पर साधा निशाना, कहा- देश को दंगाइयों से आज़ादी चाहिए.

सिटी पोस्ट लाइव : करीब 20 दिनों तक CCA-NRC और NPR को लेकर बिहार भर का दौरा करने के बाद आज पटना के गांधी मैदान में कन्हैया कुमार की रैली हुई.इस रैली में भारी संख्या में खासतौर पर अल्पसंख्यक समाज के लोग जुटे.पटना के गांधी मैदान में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित ‘संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ महारैली’ को संबोधित करते हुए सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार पर ‘नफ़रत का व्यवसाय’ करने और ‘गांधी की जगह गोडसे को चुनने’ का आरोप लगाया.उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि 1947 में मिली आज़ादी के बाद अब ‘देश को दंगाइयों से आज़ादी चाहिए.’

कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन क़ानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में पूरे बिहार की यात्रा की थी. ‘जन-गण-मन’ नाम की इस यात्रा का समापन भी गुरुवार को ही हुआ है. नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ आयोजित इस महारैली में भारी भीड़ जुटी.अलग-अलग दलों और मंचों के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस रैली में शिरकत की.

सुबह दस बजे से शुरू रैली में कन्हैया कुमार का भाषण शाम पौने चार बजे शुरू हुआ. जैसे ही उन्होंने बोलना शुरू किया, लोग आज़ादी के नारे लगाने लगे.

कन्हैया ने अपने भाषण की शुरुआत में देश में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के लिए सभी लोगों से दो मिनट का मौन रखवाया. उनके संबोधन से पहले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म ‘हम देखेंगे’ गाई गई.कन्हैया कुमार ने कहा, “आज चंद्रशेखर की शहादत का दिन है. जिन्हें आज़ादी से नफ़रत है, वे हमारे ख़िलाफ़ हैं. यह एक व्यक्ति की रैली नहीं है. लोग कहते थे कि विधानसभा चुनाव के कारण यह रैली हो रही है. देश बचेगा, तब न चुनाव होगा!”

कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन क़ानून का समर्थन करने के नाम पर नफ़रत का कारोबार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “सरकार एजेंडा फेंकती है. उसका एक एजेंडा यह है कि सीएए के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. जब कोई क़ानून पास हो गया तो उसके समर्थन में प्रदर्शन करने का मतलब क्या है? जो लोग क़ानून का विरोध कर रहे हैं, उनका प्रदर्शन करना बनता है. फिर इनका विरोध क्यों?”

कन्हैया कुमार ने कहा कि वह किसी शख़्स को नागरिकता दिए जाने के ख़िलाफ़ नहीं हैं बल्कि ‘नागरिकता के नाम पर हो रहे नफ़रत के व्यवसाय’ के ख़िलाफ़ हैं.कन्हैया ने कहा कि इस देश में गांधी ज़िंदाबाद करने वालों को जेल में और गोडसे ज़िंदाबाद कहने वालों को संसद में बैठा दिया गया है.हमारे जवानों के हाथ में आप रॉड थमाना चाहते हैं और अपने बेटे को बीसीसीआई का बॉस बना रहे हैं. ऐसे तड़ीपार को पहचान कर उन्हें बाहर करने का वक़्त है.

हम नेता बनने के लिए यह रैली नहीं कर रहे. हम चाहते हैं कि जूता सिलने वाले का बच्चा भी बीसीसीआई का पदाधिकारी बने. वह गर्व से कहे कि मैं तड़ीपार और दंगाई का बेटा नहीं हूँ.इस देश में रहने वाले मुसलमानों ने जिन्ना को नहीं, महात्मा गांधी को चुना था.

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