दो दिवसीय कोसी शिखर सम्मेलन के समापन पर डीजीपी का ऐतिहासिक भाषण
सिटी पोस्ट लाइव: सहरसा जिला मुख्यालय के सुपर बाजार स्थित लक्ष्मीनाथ गोंसाई कला भवन में आयोजित दो दिवसीय कोसी शिखर सम्मेलन का आज समापन हो गया ।सम्मेलन के समापन समारोह के मौके पर बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने जानदार,दमदार और शानदार भाषण देकर,इस सम्मेलन को बेहद अजीम और खास बना डाला ।कोसी की समस्याओं और कुछ विशेष विषयों पर व्याख्यान के लिए इस दो दिवसीय सम्मेलन में कई शिखर पुरुषों ने हिस्सा लिया था ।कोसी जैसे रिमोट इलाके में दो दिवसीय कोसी शिखर सम्मेलन का आयोजन दूसरी बार हुआ था ।कई हिस्सों में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी ।सम्मेलन को ऐसे आयोजित किया गया था,जिसमें वक्ता और श्रोता का,जबरदस्त सम्बन्ध कायम था ।
आज समापन समारोह में सूबे के डीजीपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने सारगर्भित और संस्कारित भाषण से एक लकीर खींचकर चले गए ।भाषण से पूर्व श्री पांडेय का आयोजन समिति ने मिथिला की परंपरा के अनुसार उनका जबरदस्त स्वागत किया ।गुप्तेश्वर पांडेय ने इस सम्मेलन का बाखूबी जायजा लिया ।उन्होंने सम्मेलन में स्कूली बच्चों के हाथों से बने तरह-तरह की चित्रकारी और प्रशाल में लगी प्रदर्शनी को भी करीने से देखा और परखा ।यह सारी विधाओं ने गुप्तेश्वर पांडे को अपनी ओर काफी आकर्षित किया ।बड़ी देर तक डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे,बच्चों के हाथों द्वारा बनाए गए चित्रकारी और प्रदर्शनी को देखते रहे और बच्चों का जमकर हौसला बढ़ाया ।मंच पर माईक संभालते ही उन्होंने सहरसा की भूमि को नमन किया ।सभा को संबोधित करते हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सबसे पहले कहा कि सहरसा की भूमि ज्ञानियों,मनीषियों,तपस्वियों,संतों,मूर्धन्य विद्द्वानों,क्रांतिकारियों, वीरों और उर्जावानों की रही है ।उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को लेकर समाज की जमकर खिंचाई की ।सनातनी संस्कारों के इस देश में घट रही घटनाओं पर उन्होंने गहरा दुःख जताया । करीब पैंतालीस मिनटों के अपने भाषण में उन्होंने ज्ञान की दरिया बहा दी ।उन्होंने व्यक्ति और समाज की भूमिका पर,कई सवाल खड़े करते हुए,जमकर तंज कसे ।कैसे जीवन को जिया जाना चाहिए, इसपर भी तार्किक और उद्द्भट ज्ञान परोसे ।पुलिसिंग को लेकर भी उन्होंने, जमकर भड़ास निकाली ।
उन्होंने शराबबंदी कानून को सही मानते हुए कहा कि जिस दिन जनता ठीक तरह से जाग जाएगी,उस दिन बिहार में संपूर्ण शराबबंदी अपने आप हो जाएगी ।शराबबंदी होने के बाद लोग अब यत्र-तत्र,कहीं भी शराब पीते हुए नहीं नजर आते हैं ।आदत से मजबूर लोग,अभी भी छुप-छुपकर,जरूर शराब पीते हैं ।लेकिन ऐसे लोगों को हिम्मत नहीं है कि वह चैक-चैराहे पर जाकर शराब पियें,क्योंकि पुलिस का खौफ उनके अंदर तक समाया हुआ है ।एक पुलिस अधिकारी के पास संतों जैसा ज्ञान सम्भव है,इसे श्री पांडेय ने सहरसा में साबित कर दिखाया ।बेहद सरल,शौम्य और शालीन तरीके से उन्होंने मानव कर्तव्य को निचोड़कर,लोगों के सामने रख दिया ।यह बेहद गर्व और शौभाग्य की बात है कि सूबे को ऐसे डीजीपी मिले हैं जो जाति-धर्म से ईतर न्याय,नैसर्गिक मूल्यों और कर्तव्य के मूल को समझते हैं ।
भाषण के दौरान उन्होंने जीवन की गूढ़ता में प्रवेश कर,कई अनमोल संदेश दिए ।जाते-जाते बिना किसी अहंकार के लोगों से उनका मिलने का अंदाज उनके व्यक्तित्व में,सुर्खाब के पर लगा गए ।वाकई यह शिखर सम्मेलन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की गरिमामय उपस्थिति से चिर अविस्मरणीय बन गया ।इस मौके पर आयोजन समिति के सोमू आनंद,रौशन झा,सिद्दार्थ कश्यप, गुड्डू हयात,राजीव झा सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं के अलावा पुलिस विभाग के तमाम आलाधिकारी सहित भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहे ।दो दिवसीय कोसी शिखर सम्मेलन को हम युवाओं का कालजयी प्रयास कहेंगे ।यह सम्मेलन,अपने मकसद में,दो सौ प्रतिशत कामयाब हुआ ।इस सम्मेलन ने कई बौद्धिक सवाल खड़े किए हैं,जिसके जबाब तलाशने जरूरी हैं ।
पीटीएन मीडिया के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की खास रिपोर्ट