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मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए विपक्ष हिन्दू और हिंदुत्व को देने लगा है चुनौती.

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मुस्लिम समाज को रिझाने के लिए विपक्ष हिन्दू और हिंदुत्व को देने लगा है चुनौती.

सिटी पोस्ट लाइव :नागरिकता संशोधन को लेकर आंदोलित मुस्लिम समाज को रिझाने में राजनीतिक दल जी-जान से जुटे हुए हैं.लेकिन अपनी तमाम कोशिशों के वावजूद वो इस आन्दोलन से गैर-मुस्लिम समाज को नहीं जोड़ पा रहे है.अब वो सीधे सीधे हिन्दू धर्म को चुनौती दे रहे हैं.ओवैशी की पार्टी से जुडनेवाले नागमणि कहते हैं-“ हिन्दू धर्म भी भला कोई धर्म है,जहाँजात-पात, भेदभाव और उंच-नीच होता है.ये कोई धर्म नहीं है” जाहिर है अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए नेता हिन्दुओं को विदेशी और हिन्दू धर्म को बेकार धर्म बता रहे हैं.

नागमणि ने हिन्दू धर्म पर सवाल उठाया तो कई दलित संगठनों और दलित नेताओं ने हिन्दुओं को विदेशी बताना शुरू कर दिया.एक दलित सनाग्थान ने हिन्दुओं को विदेशी बताते हुए DNA जांच के आधार पर नागरिकता देने की मांग शुरू कर दी है. इतना ही नहीं अब हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने भी मुसलमानों को रिझाने के लिए बड़ा बयान दे दिया है. सीएए के विरोध में आयोजित धरना को संबोधित करने आये बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने नवादा में हिन्दुओं के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया.

जीतनराम मांझी ने धरना को संबोधित करते हुए पूछा कि भारत में हिन्दू कहां से आ गए. भारत हिन्दुस्तान कैसे हो गया. ये ठीक नहीं है.उन्होंने कहा कि ये सब मनुस्मृति की देन है जिसके कारण बाबा साहेब अंबेदकर ने बौध धर्म को अपना लिया था.उन्होंने कहा कि आज देश की हालत ठीक नहीं है. जनता सड़कों पर घरना दे रही है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

ये सवाल जीतन राम मांझी, नागमणि और दलित संघ के एक नेता ने ईमारत-ए-शरिया में भी उठाया था लेकिन इससे  मुस्लिम धर्म गुरु असहज मह्सुश करने लगे थे.उन्हें ये डर सताने लगा था कि इससे कहीं और ज्यादा हिन्दू-मुस्लिम न हो जाए.

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