आज से दवा दुकानदारों की हड़ताल, प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र करेगें बंदी का विरोध.
सिटी पोस्ट लाइव : दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की अनिवार्य नियुक्ति के विरोध में आज से बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (BCDA) के आह्वान पर बिहार की सभी दवा दुकानें शुक्रवार तक बंद रहेंगी. इस बीच मुजफ्फरपुर से खबर आ रही है कि वहां के प्रौद्योगिकी संस्थान (Muzaffarpur Institute of Technology) के छात्रों ने आज से होने वाली दवा दुकान की हड़ताल का विरोध किया है. फार्मासिस्ट की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने दवा दुकानों की हड़ताल को जन-विरोधी बताया है.
फार्मासिस्ट (Pharmacist) की पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि बिहार सरकार ने दवा दुकानों में फार्मासिस्ट को रखना अनिवार्य किया है, जिससे आम लोगों को सही सही दवा मिल पाएगी. छात्र सरकार के निर्णय की सराहना कर रहे हैं.दवा दुकानदारों का मुख्य विरोध दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट को रखने की अनिवार्यता और दवा की ऑनलाइन बिक्री को लेकर है. केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है जब सरकार के पास पर्याप्त संख्या में फार्मासिस्ट ही नहीं है तो फिर सभी दुकानों में कैसे बहाली होगी. एसोसिएशन का मानना है कि सरकार का यह कदम ऑनलाइन दवा की बिक्री करने वाली कंपनियों को बढ़ावा देने और छोटे दवा दुकानदार को हतोत्साहित करने वाला है.
केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (BCDA) के आह्वान पर 3 दिनों की हड़ताल को लेकर मुजफ्फरपुर में 3 हजार से अधिक दवा की दुकानों को बन्द रखने का दावा किया गया है. BCDA के सचिव रंजन कुमार ने कहा है कि पूरी एकजुटता से सरकार के इस कदम का विरोध 3 दिनों की हड़ताल के दौरान किया जाएगा.
सरकारी अस्पतालों के मरीज भी बाजार की दवा पर हैं निर्भर हैं एस्से में तीन दिनों तक दवा दुकानदारों की हड़ताल का व्यापक असर हो सकता है. सरकारी अस्पताल में भले ही गरीब मरीजों को सरकार दवा देने का दावा करती है, लेकिन हकीकत ये है कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी बाहर से दवा लानी पड़ती है.
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