चुरा दही के भोज से भी नहीं मिटी महा-गठबंधन के अंदर की खटास.
सिटी पोस्ट लाइव ; आज मकर संक्रांति के दिन कांग्रेस के दफ्तर सदाकत आश्रम में एकता दिखाने के लिए महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेता एक साथ तो जुट गए.एक साथ चुडा दही का भोज खाया, साथ साथ बैठे नजर भी आये लेकिन महागठबंधन का नेत्रित्व कौन करेगा, इस सवाल पर एक नजर नहीं आये. तेजस्वी यादव ने ये कहकर जबाब तो दे दिया कि उनकी पार्टी अपना स्टैंड पहले ही साफ़ कर चुकी है यानी वहीँ महागठबंधन का नेत्रित्व करेगें और सीएम पद के उम्मीदवार भी वहीँ होगें लेकिन तमाम घटक दलों के नेता एकसाथ होने के वावजूद इस सवाल का जबाब देने से बचते नज़र आये.
जाहिर है गठबंधन में आपसी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सभी दलों के नेता जुट तो गए लेकिन गठबंधन के नेता के सवाल पर अपना मतभेद उजागर कर गए.चुडा दही की मिठास उनके बीच कायम खटास खत्म नहीं कर पाई.तेजस्वी से जब गठबंधन के नेता के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि आरजेडी ने अपनी बात कह दी है और गठबंधन के नेता अब बैठकर बाते कर लेंगे. हालांकि आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले ही घोषणा कर चुके है कि गठबंधन का नेता और मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तेजस्वी यादव ही होंगे, जिसे आना है वो साथ आये.
तेजस्वी यादव भले ही खुद को गठबंधन का नेता मानते हों, लेकिन गठबंधन के नेताओं ने फिलहाल इंतजार करने की बात कहकर या फिर कोआर्डिनेशन कमिटी की बैठक में नेता चुने जाने की बात कहकर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि यहां सभी नेता मौजूद हैं, अगर सभी मान जाते हैं तो कोई दिक्कत नहीं. दूसरी तरफ जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि जब तक कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी कहना ठीक नहीं है.वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश साहनी ने भी इस सवाल पर मीडिया को इंतजार करने की नसीहत दे डाली. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने भी कोआर्डिनेशन कमिटी की बैठक में सबकुछ तय कर लेने का बयान देकर ये साफ़ कर दिया कि तेजस्वी यादव या फिर उनकी पार्टी RJD का एकतरफा फैसला उन्हें मंजूर नहीं.उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव विधारधारा का चुनाव है, इसमें व्यक्तिगत हित नहीं, समय पर सभी बातें ठीक हो जाएंगी.
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