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CAA को लेकर बिहार बंद के दौरान ग़ायब आमिर की 11 दिन बाद मिली लाश.

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CAA को लेकर बिहार बंद के दौरान ग़ायब आमिर की 11 दिन बाद मिली लाश.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बंद के दौरान फुलवारी शरीफ में हुए बवाल के दौरान गायब आमिर की लाश 11 दिन बाद मिली है.उसकी हत्या के आरोप में कई लोग गिरफ्तार भी हो चुके हैं.आमिर के परिजनों के अनुसार वह  रोज़ की तरह सुबह घर से तैयार होकर काम करने के लिए फ़ैक्ट्री गया था. लेकिन फ़ैक्ट्री बंद होने की वजह से वह टाइम पास के लिए अपने मोहल्ले के लोगों की जुलुश में वह शामिल हो गया.जुलूस के दौरान कि जो कुछ तस्वीरें और वीडियो मिलें हैं उसमें वह हाथ में तिरंगा थामे दिखता है. वो ही उसकी आख़िरी तस्वीर थी. उसके बाद मिली तो उसकी सड़ी हुई लाश, वो भी 11 दिनों के बाद.

18 साल के आमिर हंज़ला फुलवारीशरीफ़ के हारुन नगर सेक्टर 3 में रहता था. उसके बड़े भाई साहिल के अनुसार उनका कमाने वाला भाई हिंसा की भेंट चढ़ गया. उस हिंसा की जिससे उसका दूर-दूर तक का वास्ता नहीं था.साहिल ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि उसे क्या पता था कि CAA और NRC क्या होता है. बहुत संकोची और शर्मिले स्वभाव वाला लड़का था. आप उस तस्वीर में देखिए जिसमें उसने हाथों में तिरंगा लिया है. कितना मासूम दिख रहा है उसमें वो! उसे तो बस केवल जुलूस दिखा होगा, उसमें अपने लोग दिखे होंगे, उसने देखा होगा कि देश का झंडा लहराया जा रहा है, सोचा होगा कि घर जाकर क्या करूंगा, जुलूस में टाइमपास कर लेता हूं.

नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में 21 दिसंबर को जिस दिन राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार बंद बुलाया था, उस दिन पटना के फुलवारीशरीफ़ में हिंसा हुई थी. दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाज़ी हुई. फ़ायरिंग की रिपोर्टें भी आयीं. क़रीब एक दर्जन लोग घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए एम्स और पीएमसीएच में ले जाया गया था.आमिर हंज़ला उसी हिंसा के बाद से लापता थे. परिजनों ने 22 दिसंबर को फुलवारीशरीफ़ थाने में आमिर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी. घटना के 11 दिनों बाद 31 दिसंबर को पुलिस ने हिंसा वाली जगह के पास से ही एक गड्ढे से आमिर का शव बरामद किया.

शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कहती है कि आमिर के शरीर पर चोट के गहरे निशान थे. शरीर के हिस्सों पर चाक़ू से भी वार किया गया था. आमिर की हत्या कर दी गई थी.पुलिस ने हिंसा में शामिल अभियुक्त उपद्रवियों में से एक दीपक कुमार नोनिया नाम के युवक को गिरफ़्तार कर उसी की निशानदेही पर आमिर के शव को फुलवारीशरीफ़ डीएसपी कार्यालय से महज़ 100 मीटर की दूरी पर एक गड्ढे से बरामद किया.

फुलवारीशरीफ़ थाना के प्रभारी रफ़ीक़ुर रहमान के अनुसार विनोद कुमार नाम का शख्स आमिर की हत्या का मुख्य अभियुक्त है. जो अभी तक फ़रार है. बाक़ी के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक अन्य आरोपी चैतू नाम के युवक के घर से आमिर का मोबाइल बरामद किया गया है. उससे पूछताछ में हत्या के बाद जिस ठेले से लादकर आमिर का शव गड्ढे तक ले जाया गया था उसे भी मुख्य आरोपी विनोद कुमार के घर के सामने से बरामद किया गया है.पुलिस ने फुलवारीशरीफ़ की हिंसा में शामिल कुल 60 उपद्रवियों को अभी तक गिरफ़्तार किया है. कई लोगों के घरों से हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए हैं जो उस दिन की हिंसा में इस्तेमाल किए थे.

फुलवारीशरीफ़ में उस दिन क्या हुआ था? हिंसा क्यों हुई? ये अब तक मीडिया रिपोर्ट्स में नहीं आ सका है.आमिर के फुफुरे भाई अब्दुल कहते हैं, “संगत पर जहां आमिर की बॉडी मिली है वहां जाइएगा तो पता चल जाएगा कि हिंसा क्यों हुई थी और करने वाले लोग कौन थे. लेकिन मैं आपसे कहूंगा कि अभी मत जाइए उधर. बहुत तनाव है. जो लोग आरोपी हैं वो अपना घर-बार छोड़कर भाग गए हैं. कोई होगा भी तो बात नहीं करेगा. वो लोग कुछ भी कर सकते हैं.

अब्दुल उस दिन के बारे में बताते हुए कहते हैं कि जुलूस जब टमटम पड़ाव से निकला था तब सबकुछ ठीक था. आगे एक स्कूल है सरस्वती विद्या मंदिर के नाम से. वहां पर आरएसएस और बजरंग दल वालों का ऑफ़िस भी है. हम लोगों ने जब पता किया तो मालूम चला कि स्कूल की छत की तरफ़ से पत्थरबाज़ी शुरु की गई थी. फिर दोनों तरफ़ से होने लगी. थोड़ी देर में फ़ायरिंग होने लगी. मामला आउट ऑफ़ कंट्रोल हो गया.

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