राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को कैबिनेट ने दी मंजूरी, देश हर नागरिक का तैयार होगा डेटाबेस
सिटी पोस्ट लाइव : राष्ट्रीय नागरिकता कानून और राष्ट्रीय रजिस्टर नागरिक को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे है. वहीं मोदी कैबिनेट ने अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जनगणना का काम 6 महीने तक चलेगा. इसमें बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जाएगा. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है. देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है. इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी. इसमें व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
क्या है NPR
NPR देश के सभी सामान्य निवासियों का एक दस्तावेज है. नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे ज्यादा समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है. साल 2010 से सरकार ने देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस जमा करने के लिए इसकी शुरुआत की, लेकिन इसे 2016 में सरकार ने जारी किया था.
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