.NRC और CAB पर सरकार की सफाई, पहचान के लिए गवाह मान्य, कटऑफ डेट 1971 नहीं.
सिटी पोस्ट लाइव : नागरिकता कानून और प्रस्तावित नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार ने इससे जुडी आशंकाओं को दूर करने के लिए तथ्यों को सामने रखा है. गुरुवार को पूरे देश में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद सरकारी सूत्रों ने सफाई दी है कि दोहराया कि राष्ट्रीय स्तर पर NRC जैसी कोई औपचारिक पहल अभी शुरू ही नहीं हुई है. इसके लिए न तो कोई आधिकारिक घोषणा की गई है और न ही इसके लिए अभी कोई नियम-कानून बने हैं.
सरकारी सूत्रों की ओर से कहा गया है कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर NRC होती है तो उसके लिए 1971 से पहले का पहचान का दस्तावेज पेश करना जरूरी नहीं होगा. यह कटऑफ डेट केवल असम के लिए थी. असम का एनआरसी का मामला बिल्कुल अलग था. वहां अपनाई गई प्रक्रिया असम समझौते और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत थी. पूरे देश में होने वाली एनआरसी की प्रक्रिया उससे अलग सिटीजनशिप रूल्स-2003 के तहत होगी.
एनआरसी धर्म के आधार पर लागू नहीं होगा. किसी को भी धर्म के आधार पर NRC से बाहर नहीं रखा जाएगा. अगर कोई व्यक्ति अशिक्षित है और उसके पास कोई पहचान का कोई दस्तावेज नहीं है तो वह गवाह के जरिए भी अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेगा. अधिकारी उसे कम्युनिटी वेरिफिकेशन जैसे अन्य तरह के सबूत के जरिए भी पहचान बताने का मौका देंगे. नागरिकता जन्म की तारीख और स्थान से संबंधित किसी भी दस्तावेज को जमा करके भी साबित की जा सकती है. अगर आपके पास खुद का यह विवरण नहीं है तो माता-पिता के जन्म का विवरण देकर इसे साबित किया जा सकता है. जन्मतिथि और जन्मस्थान को प्रमाणित करने वाले दस्तावेज कौन-कौन से होंगे, यह अभी तय नहीं है. लेकिन दस्तावेजों की सूची में वोटर कार्ड, पासपोर्ट, आधार, लाइसेंस, बीमा कागजात, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र, भूमि या घर के पब्लिक अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए कागजात या ऐसे ही अन्य दस्तावेज शामिल होने की संभावना है.
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