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बीजेपी के खेल में फंसी जेडीयू! पार्टी के एक फैसले ने क्योें अल्पसंख्यक नेताओं को इतना डरा दिया है?

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बीजेपी के खेल में फंसी जेडीयू! पार्टी के एक फैसले ने क्योें अल्पसंख्यक नेताओं को इतना डरा दिया है?

सिटी पोस्ट लाइवः जेडीयू ने सीएबी यानि सिटीजन अमेेंडमेंट बिल का समर्थन किया है और इस फैसले का जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सहित पार्टी के कई बड़े नेता विरोध कर रहे हैं। जो नेता विरोध नहीं कर पा रहे हैं वो भी दबी जुबान में यह कह रहे हैं कि पार्टी का फैसला सही नहीं है और इससे नुकसान होगा। पार्टी लाइन के साथ खड़े रहने की मजबूरी में अपनी जुबान बंद रखने वाले नेता भी आॅफ द रिकार्ड यह कह रहे हैं कि इस फैसले के बाद पार्टी के सामने विश्वसनीयता का संकट होगा खासकर अल्पसंख्यक समुदाय जिस तरह से बीजेपी के साथ गठबंधन में रहने के बावजूद नीतीश कुमार के साथ खड़ा रहा है वो स्थिति बदल सकती है।

दो वजहों से पार्टी में भीषण घमासान का खतरा मंडरा रहा है। पहल वजह तो यह है कि पार्टी के अल्पसंख्यक नेताओं में पार्टी के फैसले के खिलाफ नाराजगी भी है और एक तरह का डर भी है। अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले नेता यह मानते हैं कि सीएबी के समर्थन से अल्पसंख्यकों में गलत मैसेज गया है और पार्टी के फैसले को लेकर उन्हें समझाना मुश्किल हो रहा है और जाहिर है समझा पाने में नाकाम रहे तो नुकसान होगा।

दूसरी वजह यह है कि जेडीयू के कई अनुभवी नेता यह मान रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी का साथ छोड़कर अल्पसंख्यकों ने नीतीश कुमार का साथ दिया था लेकिन अब यह तबका छिटक सकता है क्योंकि सीएबी के समर्थन से अल्पसंख्यकों में भारी नाराजगी है।

नीतीश के डर से जुबान बंद रखने वाले नेता यह भी मानते हैं कि बीजेपी जेडीयू को अपने खेल में फंसाने में कामयाब रही है। बीजेपी को पहले से यह डर सताता रहा है कि नीतीश कुमार आरजेडी के आधार वोटबैंक में सेंधमारी कर रहे हैं और अगर इसमें वे पूरी तरह से सफल हुए तो नीतीश अपनी शर्तों पर सियासत के उस्ताद हैं और अगर नीतीश कुमार ने ऐसा रूख अख्तियार किया तो बीजेपी की मुश्किल बढ़ेगी। इसलिए बीजेपी ने नीतीश कुमार को उन मुद्दों में उलझाया है जिसपर या तो जेडीयू विरोध जताती रही है या फिर उम्मीद की जाती रही है कि जेडीयू समर्थन नहीं करेगी। तीन तलाक और धारा 370 के बाद एनआरसी और सीएबी पर बीजेपी जेडीयू का समर्थन लेने में कामयाब रही है। फायदा बीजेपी को हुआ है जेडीयू को तो 2020 में पता चल पाएगा सीएबी के समर्थन से फायदा मिला या फिर पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ा है।

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