रामगढ़ विधानसभा सीट का पेंच अबतक फंसा हुआ, भाजपा ने अबतक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान रामगढ़ विधानसभा सीट का पेंच अबतक फंसा हुआ है। यहां भाजपा ने अबतक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। वहीं 15 वर्षों से आजसू का गढ़ माने जाने वाले इस सीट पर चुनाव जीतना आजसू के लिए भी आसान नहीं दिख रहा है। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस की उम्मीदवार बनी ममता देवी के कार्यक्रमों में जनता की उमड़ रही भीड़ आजसू की राह में मुश्किलें पैदा कर रही हैं। चुनाव को जीतना पूर्व मंत्री व वर्तमान गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के लिए काफी अहम है। इस सीट के लिए उन्होंने भाजपा तक से अपना नाता तोड़ा है।
इधर आजसू से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा के लिए भी रामगढ़ विधानसभा सीट काफी अहम हो गयी है। अबतक दर्जनों नामों पर भाजपा आलाकमान चर्चा कर चुकी है, लेकिन किसी उम्मीदवार की घोषणा अबतक नहीं हुई है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा है उसके अनुसार भाजपा इस विधानसभा सीट को जीतने के लिए कोई बड़ा कार्ड खेलेगी। यह विधानसभा सीट आजसू, कांग्रेस और भाजपा तीनों के लिए ही काफी अहम है। राजनीतिक वर्चस्व कायम रखने के लिए आजसू कार्यकर्ता रामगढ़ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में गली-मोहल्ले में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वही महागठबंधन उम्मीदवार ममता देवी के समर्थक भी गोला, दुलमी, चितरपुर और रामगढ़ प्रखंड के हर गांव को चिन्हित कर अपना कार्यक्रम तय कर रहे हैं। रामगढ़ जिले में 12 दिसंबर को मतदान होना है। अभी नामांकन की प्रक्रिया जारी है। नामांकन खत्म होने में सिर्फ सात दिन बचा हुआ है । ऐसे में भाजपा उम्मीदवार को लेकर हर कोई अटकलें लगा रहा है। रामगढ़ विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला आम जनता के लिए भी दिलचस्प होगा। शहर के हर नुक्कड़ पर भाजपा उम्मीदवार की घोषणा को लेकर चर्चा हो रही है। यहां तक कि भाजपा नेताओं का भी यही कहना है कि एक-दो दिनों के अंदर भाजपा रामगढ़ और बड़कागांव विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर देगी।
जातीय समीकरण के कारण भी आजसू के लिए भारी पड़ेगा यह चुनाव
रामगढ़ विधानसभा जातीय समीकरण के अनुसार कुर्मी बहुल क्षेत्र है। इस वजह से चंद्रप्रकाश चौधरी लगातार तीन बार इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। इनके विपक्ष में कांग्रेस उम्मीदवार शहजादा अनवर दम ठोकते थे लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने अधिकतम 50000 वोट ही हासिल करने में सफलता पाई थी। इस बार कांग्रेस ने कुर्मी जाति की ही ममता देवी को टिकट दिया है। ममता देवी पिछले तीन वर्षों से लगातार रामगढ़ विधानसभा में चुनाव लड़ने के उद्देश्य से ही सक्रिय रही हैं। उन्होंने चंद्र प्रकाश चौधरी को ही टारगेट कर खुद को चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इस जातीय समीकरण के अनुसार अगर वोट बंटता है तो यह आजसू के लिए ही नुकसान होगा। साथ ही कांग्रेस के साथ झामुमो और राजद का भी गठबंधन है। इस वजह से इन दोनों पार्टियों का कैडर वोट भी इन्हीं को मिलेंगे। इसके अलावा अगर भाजपा अपना उम्मीदवार देती है तो रामगढ़ विधानसभा का शहरी क्षेत्र और इनका कैडर भी आजसू का ही नुकसान करेगा। हालांकि आजसू को पिछले 15 वर्षो में किए गए विकास कार्यों का सहारा है।
Comments are closed.