City Post Live
NEWS 24x7

बड़ा ही शातिर था भ्रष्ट जूनियर इंजीनियर, किराए के घर में रखता था काली कमाई.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

बड़ा ही शातिर था भ्रष्ट जूनियर इंजीनियर, किराए के घर में रखता था काली कमाई.

सिटी पोस्ट लाइव : जमशेदपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) (ACB) द्वारा गिरफ्तार इंजिनियर बड़ा ही शातिर निकला. हर शहर में अपने कई कई मकान होने के वावजूद वह रिश्वत की रकम रखने के लिए किराए पर मकान ले रखा था. रहता कहीं और था और अपनी रिश्वत की कमाई कहीं और छुपाता था.उसके किराए के मकान से दो करोड़ चालीस लाख नगद वरामद हुआ है.इसके साथ ही लाखों के जेवरात और करोड़ों के निवेश के कागजात वरामद हुए हैं.

एसीबी डीएसपी अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में मानगो स्थित ग्रामीण कार्य विभाग के जूनियर इंजीनियर एसपी वर्मा के घर में छापेमारी (Raid) की गई. इस दौरान जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) के घर से दो करोड़ 44 लाख रुपए बरामद किये गये हैं. एसीबी की टीम ने एसपी वर्मा को गुरुवार देर रात घूस लेते मानगो चौक से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद आज उनके घर और किराए के मकान पर छापेमारी की गई.

एसीबी अधिकारी ने बताया कि सारे पैसे आलमीरा में रखे हुए थे. रुपये के अलावा सौ ग्राम सोना, जमीन के कागजात, पांच फ्लैट के कागजात और कुछ इन्वेस्टमेंट के भी सबूत मिले हैं. बिल पास करने के एवज में घूस लेते जूनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया था. इस सिलसिले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

मकान मालकिन के अनुसार इंजिनियर ये बहाना बनाकर उनका घर किराए पर लिया था कि ज्यादा गेस्ट आ जाने से परेशानी होती है.कभी कभी यहाँ आता था.लेकिन आज जब उसके इस किराए के मकान पर छापा पड़ा तो ढाई करोड़ कैश वरामद हुआ.एसीबी के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि साकची के आईडीए कॉलोनी निवासी ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने 23 अक्टूबर को एसीबी से शिकायत की थी कि कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा उनसे रिश्वत मांग रहे हैं. विकास कुमार शर्मा ने एसपी को बताया कि उनकी मां दीपा शर्मा की जय माता दी इंटरप्राइजेज कंपनी है. ये कंपनी सड़क निर्माण का काम करती है. सरायकेला खरसावां जिले में ग्रामीण कार्य विभाग ने तमोलिया कॉलोनी में 280 मीटर लंबी पीसीसी सड़क का काम कंपनी को दिया था. सड़क 11 लाख 54 हजार 964 रुपये की लागत से बनाई गई है. विभाग ने 7 लाख रुपये का भुगतान कंपनी को कर दिया है. बाकी के भुगतान करने के लिए जेई सुरेश प्रसाद वर्मा 28 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे.

जांच में शिकायत सही पाये जाने पर एसीबी ने अपना जाल बिछाया और गुरुवार को जेई सुरेश प्रसाद वर्मा से संपर्क किया. वो 10 हजार रुपये में काम करने को तैयार हो गए. जिसके बाद ठेकेदार से 10 हजार रुपये घूस लेते एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.