बरही विधानसभा चुनाव : नेताओं के चेहरे वही पर बदल जाएंगे उनके झंडे
सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग: बरही विधानसभा चुनाव में इस बार 2014 के चुनाव के ही प्रमुख चेहरे मैदान में रहेंगे, हालांकि उनके झंडे और पार्टियां बदल जाएंगी। अब तक वर्तमान विधायक मनोज यादव के कांग्रेस छोड़ भाजपा से चुनावी मैदान में आने की घोषणा हो चुकी है। भाजपा से पूर्व विधायक रहे उमाशंकर अकेला कांग्रेस से चुनावी मैदान में हैं। पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा से भाग्य आजमाने वाली साबी देवी इस बार आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। स्वाभाविक है कि तीनों प्रमुख उम्मीदवारों के झंडे इस बार बदल जा रहे हैं। पिछला चुनाव मनोज कुमार यादव ने कांग्रेस से लड़ा था और चुनाव में जीत दर्ज की थी। उमाशंकर अकेला पिछली बार भाजपा से चुनावी मैदान में थे, लेकिन इस बार भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया और अब कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। वहीं साबी देवी पिछली बार झामुमो से चुनाव लड़ी थीं और तीसरा स्थान प्राप्त किया था। वर्ष 2014 चुनाव के बाद वे भाजपा में शामिल हुईं और राज्य समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य बनाई गईं। भाजपा से चुनावी टिकट मांगने के प्रयास में लगी थीं। साबी देवी ने मनोज यादव को उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में पहले तो इंतजार किया। एक रणनीति के तहत पुत्र अरुण साहू को कांग्रेस में शामिल कराया, लेकिन उमाशंकर अकेला को कांग्रेस से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद साबी देवी अब आजसू के सुदेश महतो के दरबार में चक्कर लगा रही हैं। संभावना जताई जा रही है कि आजसू से वे चुनावी मैदान में उतर सकती हैं और तो और बसपा से जुड़े रहे अरविंद यादव भी इस बार झारखंड विकास मोर्चा से चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनके झंडे भी इस चुनाव में बदल जाएंगे। स्वाभाविक है कि नेताओं के चेहरे बरही विधानसभा चुनाव में वही रहेंगे, लेकिन उनके झंडे बदल जाएंगे। ऐसे में जनता किस पर एतबार करती है यह देखने वाली बात होगी। लाख टके का प्रश्न यह भी होगा कि मतदान के समय जनता क्या चेहरे को ध्यान में रखेगी या झंडे पर अपनी मुहर लगाएगी? यह 23 दिसम्बर को होने वाली मतगणना में सामने आएगा।
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