महागठबंधन के आक्रोश मार्च से गायब दिखें तेजस्वी, सहनी ने कहा-फर्क नहीं पड़ता
सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन ने बुधवार को अपने दमखम का परिचय देते हुए आक्रोश मार्च निकला. इस आक्रोश मार्च में विपक्ष के सभी दलों के नेता शामिल हुए. पटना के गांधी मैदान से निकल कर जिला समाहरणालय तक हुए इस आक्रोश मार्च में गठबंधन के कई नेता शामिल रहे. कांग्रेस से अध्यक्ष मदन मोहन झा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. लेकिन एक चेहरा हर बार की तरह गायब दिखाई दिया, वो थे राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव. एक बार फिर तेजस्वी यादव महागठबंधन के आक्रोश मार्च से गायब रहे.
आक्रोश मार्च का नेतृत्व रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने किया. महागठबंधन के इस आक्रोश मार्च में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस आक्रोश मार्च से दूरी क्यों बना कर रखे. क्या इसका कारण जीतनराम मांझी की नाराजगी, या मुकेश सहनी.
बता जब तेजस्वी के बारे में महागठबंधन के बाकि नेताओं से इसका कारण जानने की कोशिश की गई तो वो सवालों से बचते दिखाई दिए. जहां वीआईपी नेता मुकेश सहनी ने खुलकर कहा कि तेजस्वी के नहीं शामिल होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. तो जीतन राम मांझी ने भी सवाल से किनारा करते हुए कहा की तेजस्वी के नहीं आने पर कोई जवाब नहीं देंगे. जाहिर है पिछले दिनों महागठबंधन के भीतर तेजस्वी के नेत्रित्व को लेकर सवाल खड़े हुए थे.
जिसके बाद हम पार्टी सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया था. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव अकेले लड़ने का एलान करते हुए कहा कि महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के नहीं होने एवं सर्वसम्मति से निर्णय नहीं लिए जाने के कारण वो असहज मह्सुश कर रहे थे. हालाँकि मांझी अब भी इस उम्मीद में हैं कि यदि राजद और अन्य दल कोआर्डिनेशन कमिटी बना लेती है तो महागठबंधन से वे अलग नहीं होंगे.
पटना से बन्दना शर्मा की रिपोर्ट
Comments are closed.