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जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है

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जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है

सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। निवर्तमान विधायक बादल को क्षेत्र में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। भंडारो पंचायत सचिवालय में रहने वाले बादल पत्रलेख की सादगी की लोग मिसाल देते हैं, लेकिन सारवां में 2014 वाली लोकप्रियता व ममता नहीं होना, उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। हालांकि उनके समर्थक व गांव के लोग कम वोट मिलने या हार की बात को सीरे से खारिज करते हुए एक तरफा जीत होने की बात कहते हैं। जबकि बादल मौका मिलने के बाद क्षेत्र की जनता के लिए समर्पित रहने व जरमुंडी का सार्थक विकास किए जाने की बात कह मतदाता व जनता के आशीर्वाद से दूसरी बार भी जनता की सेवा का मौका मिलने की बात कहते हैं।

गोड्डा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले जरमुंडी विस क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को यहां से लीड मिली थी। जबकि बादल महागठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव के लिए काम कर रहे थे। वही बादल की कार्यप्रणाली में भी सादगी दिखता है किसी भी घटना दुर्घटना की खबर से लोगों के बीच दौड़कर चले आते हैं और हर सम्भव मदद भी पहुंचाते हैं। वहीं क्षेत्र में लोगों के दाह संस्कार में शामिल रहने के कारण इस बार विकल्प की खोज को लेकर जनता में उहाफोह की स्थिति है। राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर भी अंतिम निर्णय लिया जा चुका है और कांग्रेस पार्टी की तरफ से जरमुंडी में बतौर उम्मीदवार बादल ही होंगे। वहीं भाजपा की ओर से देवेंद्र कुंवर को उम्मीदवार बनाया गया है। झाविमो से डॉ. संजय कुमार के उम्मीदवार होने की सूचना है। जबकि एनडीए की तरफ से पूर्व से ही लोजपा के विरेंद्र प्रधान ने अपनी दावेदारी ठोक कर क्षेत्र भ्रमण भी शुरू कर दिया है। बरहाल  इसको लेकर सभी संभावित उम्मीदवार क्षेत्र का सघन दौरा कर ग्रामीणों से मिलने व मतदाताओं को अपने पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं अगर बीते 2014 की चुनाव की बात करें, तो 43 हजार 981 मत बादल को मिला था, जो कुल मतदान का 28.83 प्रतिशत वोट था। वहीं दूसरे नम्बर पर रहे झामुमो उम्मीदवार हरिनारायण राय को 41 हजार 273 मत प्राप्त हुआ था और बादल ने मामूली 2708 मत के अंतर से बिजय प्राप्त किया था। जबकि तीसरे नम्बर पर रहे भाजपा उम्मीदवार अभय कांत प्रसाद को 29 695 मत प्राप्त हुआ था और उस वक्त के झाविमो उम्मीदवार देवेन्द्र कुंवर को 14 हजार 189 मत ही मिला था। 2014 में जरमुंडी विधानसभा में एक लाख 52 हजार 573 मत दाताओं ने अपने मत का उपयोग किया था। उल्लेखनीय है कि तीन बार से जरमुंडी में पार्टी नहीं व्यक्ति जीतता रहा है। फिलहाल आय से अधिक संपति के मामले में सजायाप्ता पूर्व मंत्री व दो बार के निर्दलीय विधायक हरिनारायण राय को बादल ने तीसरी पारी खेलने से रोका था और पहली दफा हारने के बाद अपनी मेहनत के बदौलत दूसरे प्रयास में जीत दर्ज कर विधायक बने। बरहाल उम्मीदवार क्षेत्र में  जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

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