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मतदाताओं को जागरुक करने के साथ नैतिक मतदान के लिए करें प्रेरितः विनय चौबे

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मतदाताओं को जागरुक करने के साथ नैतिक मतदान के लिए करें प्रेरितः विनय चौबे
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने शुक्रवार को सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से कहा कि लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान विभिन्न माध्यमों से चलाए गए स्वीप कार्यक्रमों का नतीजा था कि मतदान प्रतिशत में तीन प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। इससे सिविल सोसाइटी की भी अहम भूमिका थी। विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं को जागरुक करने के लिए वृहत स्तर पर चलाए जाने वाले अभियानों में भी आप उसी तरह अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि यह चुनाव पूरे देश के लिए बेंचमार्क बन सके। पूरे राज्य से आए स्वयंसेवी संगठनों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सिर्फ मतदाताओं को मतदान के लिए जागरुक करना आपका काम नहीं है, बल्कि बिना किसी द्वेष, भय, पक्षपात और प्रलोभन में आए मतदाताओं को नैतिक मतदान के लिए भी प्रेरित करना है। इस मौके पर स्वंयसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को स्वीप के तहत चलाए जाने वेल मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग के प्रावधानों और मतदाताओं की सहूलियत के लिए की गई व्यवस्थाओं व विभिन्न एप्प के बारे में भी बताया गया।
सी-विजिल के इस्तेमाल को लेकर लोगों को करें जागरुक
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सी-विजिल एप्प के बारे में जानकारी दें और स्मार्ट फोन में डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों की सी-विजिल एप्प के माध्यम से वे सूचना दे सकते हैं, ताकि उसपर त्वरित कार्रवाई हो सके। चुनाव में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एप्प काफी कारगर साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके जरिए चुनावी प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ियों की जानकारी को उजागर करने का काम करें।
स्वीप के नोडल अफसरो के साथ समन्वय बनाकर चलाएं जागरुकता अभियान
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि सिर्फ इलेक्टोरल मशीनरी से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संचालित नहीं हो सकता है। इसमें समाज की सभी श्रेणियों के संस्थानों और संगठनों का सक्रिय योगदान भी जरुरी है। स्वयंसेवी संगठनों का दायित्व है कि वे लोगों को चुनावी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें। मतदान को इस तरह जागरुक करें कि इससे नैतिक मतदान को बल मिले। उन्होंने सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारियो, स्वीप के नोडल पदाधिकारियों और सोशल मीडिया अधिकारियों से समन्वय बनाकर मतदाता जागरुकता अभियान चलाएं और इसमें प्रचार-प्रसार के सभी माध्यमों का इस्तेमाल करें।

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