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जलजमाव को लेकर एक्शन में सीएम, कई अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री एक्शन में हैं और जल जमाव के दोषी किसी अधिकारी को बख्शने के मूड में नहीं हैं.

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जलजमाव को लेकर एक्शन में सीएम, कई अधिकारियों पर गिरी गाज

सिटी पोस्ट लाइव : जल जमाव से पहलीबार पटना में त्राहिमाम मचा. दस दिनों तक पूरा शहर भीषण जल जमाव में डूबा रहा. आज भी पूरा शहर पूरी तरह से जल जमाव से मुक्त नहीं हुआ है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस जल जमाव को लेकर बहुत गुस्से में हैं.उन्होंने जल जमाव के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई शुरू कर दी है. पटना में संप हाउस और नमामि गंगे योजना  के तहत सीवर लाइन का काम देख रही बुडको के मुख्य अभियंता सहित 11 इंजीनियरों को सस्पेंड करने का फैसला हो गया है.उन्हें  कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है.7 दिनों के भीतर इनपर कार्रवाई की जाएगी.

मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में  जलजमाव के लिए दोषी चिन्हित लोगों में बुडको के मुख्य अभियंता, दो अधीक्षण अभियंता, छह कार्यपालक अभियंता और एक मेकेनिकल कार्यपालक अभियंता, एक सहायक अभियंता मेकेनिकल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.  एक सहायक अभियंता को प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किया गया है.

 पटना नगर निगम के एग्जक्यूटिव ऑफिसर कंकड़बाग, सिटी मैनेजर कंकड़बाग, चीफ सेनेटरी ऑफिसर कंकड़बाग, को कारण बताओ नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से वेतन भुगतान बंद किया गया है. कंकड़बाग के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. दो सेनेटरी इंस्पेक्टर पाटलिपुत्र को भी निलंबित किया गया है.एग्जिक्‍यूटिव ऑफिसर (बांकीपुर), चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर (बांकीपुर) तथा बांकीपुर के सभी सेनेटरी इंस्पेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. ड्रेनेज पंप सिस्टम में पदस्थापित 22 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके वेतन भुगतान को बंद कर दिया गया है.

गौरतलब है कि सिटी पोस्ट ने सबसे पहले ये खुलासा किया था कि सबसे ज्यादा जिम्मेवार  नमामि गंगा परियोजना की निर्माण एजेंसी L&T  कंपनी है. सरकार ने इस कंपनी के प्रोजेक्ट इंजीनियर पर भी कार्रवाई की है. पटना नगर निगम के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों पर भी गाज गिरी है. इनमें कुछ निलंबित कर दिए गए हैं और कुछ के वेतन रोक दिए गए हैं.

दरअसल, पूरी जांच के क्रम में यह बात सामने आई कि जलजमाव के मूल में यह बात रही कि सही समय पर संप हाउस चालू नहीं हुए और नाले की सफाई ठीक ढंग से नहीं की गई. कहीं, संप हाउस चालू नहीं किया गया. अन्य दोषियों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार की शाम में लगातार चार घंटे तक बैठक की. इसमें उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नगर विकास मंत्री एवं कई अन्य विभागों के मंत्री सहित मुख्य सचिव, विकास आयुक्त और आला अधिकारी बैठक में मौजूद थे.बैठक में यह बात सामने आई कि कई जगहों पर संप स्टेशन समय पर नहीं चले. कुछ जगहों पर डीजल ही नहीं था और कुछ मशीन खराब थीं. इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर इसकी जांच बारिश के पहले क्यों नहीं की गई.

बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि आगे इस तरह की समस्या नहीं हो उससे बचने को स्थायी तौर पर क्या इंतजाम होंगे. इसके तहत राजधानी में गोला रोड व आरपीएस मोड़ सहित 14 जगहों पर पर नए ड्रेनेज पंपिंग सिस्टम बनाए जाएंगे. यह भी देखा जाएगा कि किस गहराई तक उसकी सफाई हुई है.

विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी जिसमें पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सदस्य रहेंगे. कमेटी को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है. ये कमेटी जलजमाव के कारण व कमियां तथा दोषी लोगों के संबंध में रिपोर्ट के साथ भविष्य के लिए कार्ययोजना पर भी काम करेगी.जाहिर है मुख्यमंत्री एक्शन में हैं और जल जमाव के दोषी किसी अधिकारी को बख्शने के मूड में नहीं हैं.

 

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