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नीतीश कुमार को पहले से ही सता रही थी अनहोनी की आशंका

सीएम ने कहा--हमको लग रहा था कि सितबंर के लास्ट में कुछ होगा,आखिर वही हुआ,पटना डूब गया..

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नीतीश कुमार को पहले से ही सता रही थी अनहोनी की आशंका

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो महीने पहले ही अंदेशा हो गया था कि राज्य पर गंभीर संकट आनेवाला है. आज पटना के ज्ञान भवन में चल रहे अंतरराष्ट्रीय फसल अवशेष प्रबंधन कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने खुलासा किया कि उन्हें पहले ही अहसास हो गया था कि सितबंर में कुछ न कुछ अनहोनी होगा.इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस साल जिस  तरह से जुलाई में हीं कई जगहों पर बाढ़ आ गई थी, उन्हें अनहोनी की आशंका सताने लगी थी.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जुलाई के महीने में हीं जिस तरह से कई जिलों में बाढ़ आ गई थी,उससे उन्हें  यह अंदेशा हो गया था कि सितंबर माह में कुछ न कुछ होगा और हुआ भी वहीं.उन्होंने कहा कि सितंबर महीने में जिस तरह से पटना में बारिश हुई वह कोई सोच भी नहीं सकता था. पटना में हुए 380 मीमी की बारिश ने पूरे शहर को डूबो दिया. पटना के अधिकांश इलाके कई दिनों तक पानी में डूबे रहे. घरों के अंदर भी पानी घुस गया.

मुख्यमंत्री ने एकबार फिर से लोगों को चेताते हुए कहा कि यह सारी गड़बड़ी पर्यावरण के साथ किये जा रहे खिलवाड़ की वजह से हो रही है. ऐसी परेशानियों के बावजूद पर्यावरण के साथ खिलवाड़ हो रहा है. पर्यावरण के प्रति जागरूकता की कमी है.आराम और मौज के चक्कर मे पर्यावरण की चिंता किसी को नहीं है. सीएम ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए जागरुकता पैदा करने और अभियान चलाने की जरुरत है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. इसपर रोक लगाने के लिए किसानों को जागरुक करने की जरुरत है. इसके लिए सरकार की ओर से कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, लेकिन उसका खास असर देखने को नहीं मिल रहा.जनता की सहभागिता बहुत जरुरी है.मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी जिलाधिकारी को अपने-अपने जिले में कम्पेन चलाकर किसानों को जागरुक करने का निर्देश दिया है.

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