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पटना हाइकोर्ट की निगरानी में पटना जल प्रलय के कारणों की हो जांच : पप्‍पू यादव

पटना नगर पर हुए खर्च पर श्‍वेत पत्र जारी करे सरकार

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पटना हाइकोर्ट की निगरानी में पटना जल प्रलय के कारणों की हो जांच : पप्‍पू यादव

सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सह पूर्व सांसद पप्‍पू यादव ने आज पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार से मांग की है कि वे राजधानी पटना के लोगों के एक साल का टैक्‍स माफ करें। पप्‍पू यादव ने बीते दिनों बारिश के बाद राजधानी पटना में आई भीषण जल प्रलय को मानव जनित आपदा बताया। उन्‍होंने कहा कि पटना हाइकोर्ट की निगरानी में पटना जल प्रलय के कारणों की जांच हो? पिछले पंद्रह वर्षों में बिहार के नगर विकास मंत्री रहे नेताओं, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव रहे अधिकारियों, इस अवधि के दौरान रहे पटना के मेयर, पटना नगर निगम के आयुक्तों का उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जाय, उनकी संपत्ति की जांच हो। आखिर पटना के लोगों को टॉर्चर करने का जिम्मेवार कौन है? नगर निगम के हजारों करोड़ रूपए कहां खर्च हुए, इस पर सरकार श्‍वेत पत्र जारी करे।

पप्‍पू यादव ने कहा कि पटना के आसपास किस राजनेता, अधिकारी एवं माफिया ने पिछले 15 वर्षों में कितनी संपत्ति अर्जित की है। भू माफियागिरी कर कुकुरमुत्तों की तरह शहर बसाने का जिम्मेवार कौन है? पिछले 15 वर्षों में पटना के 20 किलोमीटर के दायरे में जितनी जमीन की रजिस्ट्री हुई है, उसकी जांच हो जाय तो कम-से-कम 100 IAS-IPS एवं मंत्री, संसद, विधायक जेल में होंगे। लिहाज़ा इसकी भी न्यायिक निगरानी में जांच हो। उन्‍होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्री शहर में रहकर भी मुसीबत में फंसे लोगों तक क्‍यों नहीं पहुंच पाये। उन्‍होंने कहा कि पटना के सभी सांसद-विधायक को बताना चाहिए कि पटना के लोगों को सम्मान के साथ जीने का हक़ हर नागरिक का मौलिक अधिकार है या नहीं।

जाप (लो) मुखिया ने कहा कि देश के कानून मंत्री यहां से सांसद हैं। उन्हें नहीं पता कि पटना में जीने का संवैधानिक मौलिक अधिकार छीन लिया गया। यह कितना बड़ा जघन्य अपराध है, इसके एक जिम्मेदार वह भी हैं। क्या उन्हें नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? बिहार की राजधानी पटना में इस हक़ की धज्जियां उड़ाई गयी है, वैसी व्यवस्था और सरकार को कैसा बख्शा जा सकता है? उन्‍होंने पूछा कि एक मां घर में पैसा रहते हुए अपने बच्चे को न दूध दे सकी, न पानी पिला सकी। यह कितनी बड़ी मानसिक यंत्रणा है, उसके जिम्मेदारों को कैसे बख्शा जा सकता है? बिहार सरकार जब पटना में 11 दिन बाद भी पटना को जल प्रलय से मुक्त नहीं करवा सकी तो वह क्या करेगी? मुख्यमंत्री आवास से 3-5 किलोमीटर की दूरी पर लोग भूख-प्यास से तड़पते रहे, CM कैसे चैन की नींद सोते रहे? जब पटना में लोगों को सरकार राहत नहीं पहुंचा सकती है तो क्या उसे सत्ता में रहने का हक़ है?

पप्‍पू यादव ने इस जल प्रलय में हुए नुकसान की भरपाई, पटना के लोगों का टैक्‍स माफ हो और कुसहा त्रासदी समेत बिहार में आई सभी आपदाओं के बाहर से लोगों की मदद आडिट हो और सरकार बताये कि उसमें कितना पैसा जनता के पास गया। उन्‍होंने कहा कि पटना में हेलीकॉप्टर से राहत बांटने की नौटंकी कर और दहशत क्यों पैदा किया गया? क्या ट्रैक्टर, जेसीबी, नाव के जरिये हर घर तक खाना, पानी, दूध नहीं पहुंचाया जा सकता था? जब जन अधिकार पार्टी के साथी, पप्पू यादव के सहयोगी सीमित संसाधन के जरिये हर घर तक दूध, पानी, खाना के साथ सेवा के लिए पहुंच सकते हैं तो असीमित क्षमता और संसाधन वाली सरकार क्यों नहीं? राज्य सरकार स्वयं अर्थात, उपमुख्यमंत्री तीन दिनों तक जल प्रलय का कैदी बन सकता है तो आमलोगों की दशा क्या होगी? यह जांच होनी चाहिए कि डिप्टी CM कैसे घर में तीन दिन तक कैद रहे? क्यों शासन ने उनकी तीन दिन तक सुध नहीं ली? उनके मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल की भी जांच हो, आखिर वह तीन दिन तक क्या कर रहे थे?

उन्‍होंने कहा कि प्रशासन की भूमिका भी देखिए कि 3 दिन बाद डिप्टी CM को निकाल लाए और उनके पड़ोसियों एवं उनके केयर टेकर को भगवान भरोसे छोड़ आए। बिहार के युवाओं, सभी तरह के प्रोफेशनल्स, आधी आबादी सारे लोग बिहार में बदलाव की राजनीति के लिए आगे आएं। वैकल्पिक सकारात्मक राजनीति से बदलें बिहार। पप्‍पू यादव ने कहा कि आज भी कई इलाकों में पानी है और जिन इलाकों से पानी निकल गया है, वहां डायरिया और डेंगू ने लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में हमने लोगों को डेंगू और अन्‍य दूसरी बिहारियों से बचाने का संकल्‍प लिया है और पटना में राजेंद्र नगर, वैशाली गोलंबर और मलाही पकड़ी में फ्री में इलाज करवा रहे हैं। हम सरकार ने नहीं सेवक हैं, इसलिए सबों की मदद करना मेरा फर्ज है।

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