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नीतीश को तेजस्वी ने बताया गिरगिट, कहा-उनके लिए महागठबंधन में नो इंट्री

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नीतीश को तेजस्वी ने बताया गिरगिट, कहा-उनके लिए महागठबंधन में नो इंट्री

सिटी पोस्ट लाइव : भले RJD के रघुबंश प्रसाद और शिवानन्द तिवारी जैसे बड़े नेता लगातार नीतीश कुमार से महागठबंधन का नेत्रित्व करने की मांग कर रहे हैं लेकिन तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार को लेकर अपना स्टैंड साफ़ कर रहे हैं. आज भी तेजस्वी यादव ने साफ़ कहा है कि नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है.तेजस्वी यादव ने उप-चुनाव में सीटों को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के बीच जारी घमशान पर कहा कि राज्य में उप चुनाव का धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘गिरगिट जैसा नीतीश कुमार का चरित्र है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी  धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में नीतीश कुमार के लौटने की कोई संभावना नहीं है. तेजस्वी यादव ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष राजनीति को खतरे में डालने में आरएसएस और भाजपा की मदद की है.जल जमाव, एईएस, मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला सरकार द्वारा सृजित की गईं आपदाएं हैं.

तेजस्वी यादव  ने बिहार में बाढ़ के बाद भाजपा-जद (यू) सरकार के राहत एवं बचाव कार्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य की जनता ने इस भीषण बाढ़ में खुद को असहाय महसूस किया है.नीतीश कुमार की ‘असंवेदनशीलता’ को जनता ने देखा है. जनता इसका जवाब मतदान केंद्रों पर सीएम नीतीश को देगी. महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असहमति के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि ये उपचुनाव केवल पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए है और इस विधानसभा की उम्र मुश्किल से 10 महीने है.ऐसे में इसका कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

गौरतलब है कि तेजस्वी यादव की पार्टी पांच में से चार विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उनमें से दो सीटों पर जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी ने भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने नाथनगर में राजद के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया, जबकि मुकेश साहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी ने सिमरी बख्तियारपुर सीट पर अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है. ऐसे महागठबंधन के अस्तित्व पर संकट छ गया है. लेकिन तेजस्वी यादव इसे कोई संकट नहीं मानते. उनका मानना है कि 10 महीने बाद होनेवाले बिहार विधान सभा चुनाव में तमाम धर्म-निरपेक्ष ताकतें एकसाथ बीजेपी के खिलाफ गोलबंद नजर आयेगीं.

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