बाढ़ की त्रासदी: बिहार के लिए मोदी सरकार देगी 613.75 करोड़
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार भयंकर बाढ़ और उसकी राजधानी पटना भीषण जलजमाव से जूझ रही है. हालात का अंदाजा इस बात से लग जाता है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी तीन दिन तक अपने घर में कैद रहे और उन्हें रेस्क्यू (Rescue) कर निकालना पड़ा. पूरे बिहार में बाढ़ और इससे पैदा हुए हालात के कारण 27 से 29 सितंबर के बीच 73 लोगों की मौत हो चुकी है.पिछले चार दिनों से बारिश नहीं हो रही है पटना में लेकिन फिर भी तीन से चार फीट पानी पटना के राजेंद्र नगर समेत कई ईलाकों में जमा है.
अपने स्तर से बिहार सरकार राहत बचाव कार्य तो चला ही रही है साथ ही केंद्र सरकार ने कर्नाटक और बिहार को बाढ़ राहत के लिए 1813 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहायता को मंजूरी दी है.केंद्र सरकार ने नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड से बिहार को 400 करोड़ और कर्नाटक को 1200 करोड़ रुपए के अग्रिम भुगतान की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने बिहार के एसडीआरएफ के लिए अपने हिस्से की दूसरी किस्त को अग्रिम रूप से जारी करने का फैसला किया है. इसके तहत राज्य को 213.75 करोड़ रुपए मिलेंगे.
गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण जलजमाव के संकट से पटना जूझ रहा है.शहर के राजेंद्रनगर, बाजार समिति और सैदपुर के कई इलाकों में अभी भी साधे तीन फीट पानी जमा है. पाटलिपुत्र कॉलोनी और राजीव नगर में भी डेढ़ से दो फीट तक पानी जमा है.लगातार पानी के निकासी की कोशिश चल रही है लेकिन अभीतक कामयाबी नहीं मिली है. पटना के दानापुर, गोला रोड, रामकृष्ण नगर जैसे दर्जनों ईलाके अभी भी चार फीट से ज्यादा पानी में डूबे हैं.लोगों का ही नहीं बल्कि बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक का आरोप है कि सरकार का ध्यान केवल राजेंद्र नगर, कंकरबाग और पाटलिपुत्र कॉलोनी पर है. बाकी ईलाकों में कोई राहत बचाव कार्य नहीं चल रहा है. श्याम रजक के अनुसार पुनपुन नदी का जलस्तर सुरक्षा बांध के समीप पहुंच गया है. जलजमाव से परेशान पटना को पुनपुन की बाढ़ भी डरा रही है. बुधवार को नदी का रिंग बांध टूट गया, जिससे मुख्य बाजार में पानी घुस गया.
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