उपचुनाव में हीं सुनायी देने लगी महागठबंधन में टूट की आहट, तीन सीटों पर राजद ने उतारे अपने प्रत्याशी
सिटी पोस्ट लाइवः नेतृत्व और सीएम पद को लेकर पहले से उलझे महागठबंधन का पेंच और उलझता जा रहा है। उलझन इस हद तक है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हीं टूट की आहट सुनायी देने लगी है। मामला उपचुनाव से जुड़ा हुआ है। बिहार में 5 विधानसभा सीटों और 1 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। तीन विधानसभा सीटों नाथनगर, बेलहर और सिमरी बख्तियारपुर में राजद ने अपने प्रत्याशी पहले उतार दिया है और खबर है कि चैथे सीट पर भी राजद अपने प्रत्याशी को उतारेगी। स्पष्ट है कि उपचुनाव में किशंनगंज सीट के अलावे आरजेडी ने अपने सहयोगियों के लिए कोई और सीट नहीं छोड़ी है।
किशनगंज कांग्रेस की पारम्परिक सीट है इसलिए संभवतः कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ी गयी है। दरौंदा सीट के लिए आरजेडी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा आज शाम कर सकती है ऐसी खबर सामने आ रही है। सीटों के इस गणित से कई बातें साफ हो गयी है। पहली बात तो यह कि ‘हम’, रालोसपा और वीआईपी पार्टी के हिस्से कुछ नहीं आया है। कांग्रेस की अपेक्षा के अनुरूप भी हिस्सेदारी नहीं मिली है। नाथनगर, किशनगंज और सिमरी बख्तियारपुर सीट पर कांग्रेस पहले हीं अपनी दावेदारी जताती रही है। लेकिन कांग्रेस के हिस्से सिर्फ किशनगंज की सीट आती दिख रही है।
जाहिर है महागठबंधन में टूट की आहट सुनायी देने लगी है क्योंकि उपचुनाव को लेकर सीट बंटवारे में आरजेडी की बेपरवाही साफ नजर आ रही है। सहयोगियों की दावेदारी को खारिज कर आरजेडी ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है जाहिर है महागठबंधन की सेहत बिगड़ेगी क्योंकि कांग्रेस पहले हीं कह चुकी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस तरीके से आरजेडी कांग्रेस को डील किया है वो अब नहीं चलेगा। कांग्रेस सूत्रों की माने तो आरजेडी के इस कदम से कांग्रेस के अंदरखाने बेहद नाराजगी है और इस बात को लेकर बेहद आक्रोश भी है। पार्टी के अंदर यह मांग जोर पकड़ने लगी है कि उपचुनाव में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा जाए और संभवतः कांग्रेस उपचुनाव में अकेले मैदान में उतर भी सकती है।
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