क्यों तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी यादव के सामने कर दिया सरेंडर
सिटी पोस्ट लाइव :क्या लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने राजनीति से तौबा कर लिया है.लोक सभा चुनाव के पहले पार्टी पर कब्ज़ा जमाने के लिए खूब उछलकूद करनेवाले तेजप्रताप यादव धीरे धीरे राजनीति से किनारा करने लगे हैं.पार्टी में तो तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) अलग-थलग पड़े ही हैं साथ ही उनका तेवर नरम पड़ने लगे हैं.अब तेजप्रताप पार्टी पर अधिकार जमाने की लड़ाई छोडकर अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के पीछे पीछे घुमने लगे हैं.
कभी खुद को कृष्ण बताकर तेजस्वी के सारथी बनने का दावा करने वाले तेजप्रताप आज अपने अर्जुन के सामने सरेंडर करते दिख रहे हैं. हाल के दिनों में जिस तरह से तेजप्रताप पार्टी की गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं,पार्टी पटरी पर लौटने लगे हैं.पार्टी के बड़े नेता हों या फिर कार्यकर्ता, हर कोई तेजप्रताप यादव से दूरी बना चुके हैं.तेजस्वी यदव एकबार फिर से सक्रीय हो गए हैं .
चाहे दूध मंडी के ध्वस्त होने के बाद रात भर सड़क पर धरना देने की बात हो, या फिर पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान को सफल बनाने की मुहिम, तेजप्रताप बिना कुछ कहे ही तेजस्वी के साथ खड़े हो गए.एक समय ऐसा भी था जब तेजस्वी के चुने गए प्रत्याशी के खिलाफ तेजप्रताप ने डंके की चोट पर न सिर्फ अपना उम्मीदवार उतारा था, बल्कि लोकसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी के खिलाफ हुंकार भी भरी थी. लेकिन, आज हालात बदले हैं तो तेजप्रताप भी नरम पड़ गए हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार सियासी हलकों में तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा तेज होने के बाद तेजप्रताप यादव नरम पड़ गए हैं शायद उन्हें पार्टी से निष्कासन का भय सता रहा है.वैसे भी पार्टी में तेजप्रताप यादव के खिलाफ कारवाई की मांग तेज होने लगी थी.भाई बिरेन्द्र ने तो उनके खिलाफ खुल्लेयाम कारवाई की मांग शुरू कर दी थी. मौके की नजाकत को समझते हुए तेजप्रताप ने चुप्पी साध ली है. अब वो राजनीति करने के बजाय कभी भगवान् शंकर तो कभी कृष्णा का रूप धारण कर तो कभी फिल्म के पोस्टर जारी कर चर्चा में बने रहते हैं.
सूत्रों के अनुसार तलाक मामले में अब परिवार का साथ मिलने से तेजप्रताप का तेवर नरम पड़ा है. कलतक उनका पूरा परिवार इस तलाक के खिलाफ खड़ा था. लेकिन पत्नी ऐश्वर्या के द्वारा मोर्चा खोल देने के बाद अब पूरा परिवार तेजप्रताप यादव के साथ खड़ा हो गया है. खबर ये भी है कि तेजप्रताप यादव के नरम तेवर से विरोधी परेशान हैं. वो तेजप्रताप को उकसाने में लगे हैं क्योंकि तेजप्रताप का कमजोर होना और तेजस्वी का सशक्त होकर उभरना, विरोधियों के लिए तो अच्छे संकेत कतई नहीं हैं. विरोधी पार्टियां हरगिज़ नहीं चाहतीं कि दोनों भाइयों में कोई सुलह हो.
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