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सीसीएल का जर्जर स्वांग वाशरी प्लांट ढ़हा, तीन मजदूर दबे

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सीसीएल का जर्जर स्वांग वाशरी प्लांट ढ़हा, तीन मजदूर दबे

सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: सीसीएल कथारा क्षेत्र के स्वांग वाशरी का मुख्य प्लांट गुरुवार दोपहर ताश के पत्तों की तरह अचानक भरभरा कर धंस गया। इस घटना में प्लांट में कार्यरत तीन मजदूर मलवे में फंस गए। बाकी शिफ्ट बदली होने के कारण अधिकांश मजदूर बाहर थे, अन्यथा यह बड़ा हादसा और भी भयानक हो सकता था। घायल मजदूरों में बैजनाथ महतो, मोहन हांसदा एवं छोटका डे के नाम शामिल हैं। इनमें बैजनाथ एवं मोहन की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है, जिन्हें सीसीएल कथारा क्षेत्र के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद केएम मेमोरियल अस्पताल, बोकारो रेफर कर दिया। बताया जाता है कि स्वांग वाशरी के इस प्रथम शिफ्ट में 25 से 30 कोयला मजदूर कार्यरत थे, लेकिन शिफ्ट बदली होने के कारण वे सभी मजदूर बाहर होने से बच गए।

49 साल पुराना था प्लांट

स्वांग वाशरी का प्लांट वर्ष 1970 में बनकर तैयार हुआ था और कोल वाश का कार्य शुरू किया गया। प्लांट 49 साल पुराना था। इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना बयां कर रही है कि कहीं न कहीं प्रबंधकीय लापरवाही और प्लांट की सुरक्षा के प्रति घोर अनदेखी की गई है। स्वांग वाशरी प्लांट के भरभराकर धंसने की खबर फैलते ही सैकड़ों कोयला मजदूर, सीसीएल अधिकारी, पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मलवे में फंसे कोयला मजदूरों के राहत-बचाव के लिये उन्हें बाहर निकालने में जुट गए।मौके पर बेरमो एसडीएम प्रेम रंजन, डीएसपी सतीश चंद्र झा, गोमिया बीडीओ मोनी कुमारी, अंचल अधिकारी ओमप्रकाश मंडल,  प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी सुरेश कुमार, अंचल निरीक्षक सुरेश बरनवाल, सीएचसी प्रभारी डा. एच बारला, गोमिया पुलिस निरीक्षक राधेश्याम दास, गोमिया थाना प्रभारी अनिल उरांव, एसआई मुकेश कुमार, स्वांग वाशरी परियोजना पदाधिकारी बीके झा, स्वांग कोलियरी परियोजना पदाधिकारी बिनोद कुमार आदि तत्काल पहुंचे।

प्रबंधकीय लापरवाही का आरोप

जिला सीटू के सचिव व यूनियन नेता प्रदीप विश्वास ने कहा कि स्वांग वाशरी की यह घटना घोर प्रबंधकीय लापरवाही के कारण हुई और प्लांट की सुरक्षा की अनदेखी की गई। वहीं यूनियन नेता एवं लोगों में यह चर्चा आम है कि जिस प्लांट में यह हादसा हुआ वह 49 साल से ज्यादा हो गया था और यह जर्जर हालत में था। स्वांग वाशरी प्लांट को एक दशक पूर्व बंद करने के लिए एक सर्वे टीम गोपनीय रिपोर्ट प्रबंधक को दिया, लेकिन उक्त सर्वे टीम की रिपोर्ट को दरकिनार कर प्लांट को चालू रखा गया, जिसके कारण उक्त घटना घटी।

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