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क्या अनंत सिंह आतंकी घोषित करने की है तैयारी, समझिये क्या है मामला?

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क्या अनंत सिंह आतंकी घोषित करने की है तैयारी, समझिये क्या है मामला?

सिटी पोस्ट लाइव : मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के घर से AK-47 और आर्मी के हैण्ड ग्रेनेड वरामद होने के बाद से पुलिस ने उनके खिलाफ UAPA (unlawful activities prevention amendment act) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने आतंकवाद पर काबू पाने के लिए राष्ट्रिय सुरक्षा एजेंसियों को ज्यादा अधिकार देने के लिए UAPA में संशोधन किया था. सरकार का तर्क है कि इस एक्ट के बाद आतंकियों पर और लगाम लगाई जा सकेगी, साथ ही एनआईए की ताकत भी बढ़ जाएगी.लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि आतंकियों से निबटने के लिए बनाए गए एक्ट के तहत अनंत सिंह के खिलाफ क्यों मुक़दमा दर्ज किया गया? क्या अनंत सिंह को सरकार आतंकी घोषित करने की तैयारी में है? दरअसल इस एक्ट के अनुसार किसी भी संस्था या व्यक्ति की आतंक से जुड़े किसी भी मामले में सहभागिता या किसी तरह का कोई कमिटमेंट पाया जाता है तो इस एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज हो सकता है.  आतंकवाद की तैयारी के दोषी व्यक्ति के खिलाफ इस एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है. आतंकवाद को बढ़ावा देनेवाली संस्था या व्यक्ति के खिलाफ या फिर आतंकी गतिविधियों में किसी अन्य तरह की संलिप्तता पाए जाने पर इस एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है.

सबसे ख़ास बात यह विधेयक सरकार को यह अधिकार भी देता है कि इसके आधार पर किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित कर सकती है. विधेयक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को भी असीमित अधिकार देता है. अब तक के नियम के मुताबिक एक जांच अधिकारी को आतंकवाद से जुड़े किसी भी मामले में संपत्ति सीज करने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन अब यह विधेयक इस बात की अनुमति देता है कि अगर आतंकवाद से जुड़े किसी मामले की जांच एनआईए का कोई अफसर करता है तो उसे इसके लिए सिर्फ एनआईए के महानिदेशक से अनुमति लेनी होगी.

नए प्रस्तावित संशोधनों के बाद अब एनआईए के महानिदेशक को ऐसी संपत्तियों को कब्जे में लेने और उनकी कुर्की करने का अधिकार मिल जाएगा जिनका आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया. अब इसके लिए एनआईए को राज्य के पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेने की जरुरत नहीं होगी.

इसी एक्ट के तहत अब अनंत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. जाहिर है अनंत सिंह को आतंकी घोषित किया जा सकता है या फिर आतंकवाद को बढ़ावा देने का दोषी ठहराया जा सकता है. इस एक्ट के तहत उनकी चल अचल सम्पति को NIA जप्त कर सकता है. यहीं कारण है कि विपक्ष अनंत सिंह के खिलाफ इस एक्ट के तहत मामला दर्ज किये जाने का विरोध कर रहा है.विपक्ष का आरोप है कि इस कानून के इस्तेमाल से सरकार अनंत सिंह के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने और उन्हें आतंकी साबित करने की साजिश कर रही है.आरजेडी नेता शिवानन्द तिवारी का कहना है कि अनंत सिंह के घर से हथियार वरामद हुआ है तो आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज होना चाहिए न कि UAPA के तहत .

गौरतलब है कि अनंत सिंह के घर से AK 47 के वरामद होने के बाद NIA की टीम भी जांच शुरू कर चुकी है.एनआईए (NIA) के पास अब ताकत और बढ़ गई है. अब तक के नियम के अनुसार, ऐसे किसी भी मामले की जांच डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) या असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) रैंक के अधिकारी ही कर सकते थे. लेकिन अब नए नियम के मुताबिक ऐसे किसी भी मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के अफसर कर सकते हैं.यहाँ तक कि NIA के इंस्पेक्टर को भी अपने विभाग के चीफ की अनुमति से ही दोषी व्यक्ति की सम्पति जप्त कर सकता है.

दरअसल, NIA एक सेंट्रल एजेंसी है. UAPA के तहत मामला दर्ज होने के बाद वह अनंत सिंह के खिलाफ जांच तेज करनेवाली है.कहीं NIA आतंकी घोषित कर उनकी सम्पति जप्ती की कारवाई शुरू न कर दे, इस भय से ही अनंत सिंह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल- क्या केंद्र की सरकार बिहार सरकार की इच्छा के खिलाफ इस मामले में अनंत सिंह की मदद करने की जोखिम उठायेगी.

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