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झारखंड सरकार की बिजली का उद्योगपतियों को जोर का झटका, 08 और स्टील प्लांट में लटके ताले

अबतक राज्य के कुल 36 स्टील फर्नेस कंपिनयों में लटक चुके ताले, 40 हजार से अधिक लोगों की रोटी छिनी

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झारखंड सरकार की बिजली का उद्योगपतियों को जोर का झटका, 08 और स्टील प्लांट में लटके ताले

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: झारखंड सरकार की बिजली के झटके राज्य के उद्योगपतियों को लगातार लग रहे हैं। एक ही राज्य में बिजली दर की अलग-अलग व्यवस्था से उद्यमी झुलसने लगे हैं। रविवार को राज्य के 08 और स्टील प्लांटों में एक साथ ताले लटक गये। इसमें रामगढ़ जिले के 07 और रांची के एकमात्र स्टील प्लांट शामिल हैं। अबतक राज्य की कुल 36 स्टील फर्नेस कंपिनयों में ताले लटक चुके है। इससे यहां के 40 हजार से अधिक कर्मी और मजदूरों की रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है। झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की बिजली से रामगढ़ जिले के वैष्णवी फेरो टेक, ग्लोब स्टील एंड एलॉय, नानक फेरोएलॉय, मथुरा इंगोट, चिंतपूर्णी स्टील, राधा कॉस्टिंग, टीएनटी मेटल, मेहर एलॉय और रांची जिले के एकमात्र स्टील प्लांट टीएनटी मेटल प्लांट बंद हो गए। मालिकों ने सरकार की गलत नीति के कारण अपना प्लांट बंद कर दिया। इससे पहले झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बिजली की दरों में 38 फीसदी बढ़ोतरी के खिलाफ झारखंड के 28 स्टील प्लाटों में एक साथ और एक ही दिन 01 अगस्त से ताले लटक गए थे। इनमें रामगढ़ की 03 और कोल्हान (आदित्यपुर, धालमूगढ़ और चांडिल) की 25 कंपनियां शामिल हैं। बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी के कारण इंडक्शन फर्नेस चलाने वाले सभी उद्यमियों को प्रतिमाह लगभग 35 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था। इससे पहले बंद होने वाली कंपनियों में रामगढ़ की 03 वैष्णवी फेरो टेक, ग्लोब स्टील एंड एलॉय और मथुरा इंगोट शामिल थे। इसके अलावा कोल्हान के आदित्यपुर-गम्हरिया की कामसा स्टील, नरेडी स्टील, स्टाइल कोमोडिटी, श्यामलाल आयरन, एसजी मल्टिकॉस्ट, मेटल कॉस्टिंग, जगदंबा इंगोटेक, संथाल एलॉय, पूर्वी आयरन, चौका-चांडिल की वनांचल स्टील, लॉर्ड बालाजी, पसारी कॉस्टिंग, डिवाइन एलॉय, गैलेक्सी एक्सपोर्ट, सिद्धि विनायक, गुलमोहर स्टील, जूही इंडस्ट्रीज, सनफ्लावर, मेटल एंड एलॉय तथा धालभूमगढ़ की हरिओम स्मेल्टर, गजानन फेरो, शंकर फेरो, हिमाद्री स्टील, बाबूभाई मेटालिक और सुखसागर हैं। ऐसे में वे सभी कर्मी और मजदूर बेरोजगार हो गये जिनकी रोजी-रोटी इन कंपनियों से चलती थी।

मानवीय आधार पर अगले माह अगस्त का वेतन भी देंगे, फिर सहयोग नहीं कर पायेंगे

नोटिस में कहा गया है कि झारखंड सरकार द्वारा बिजली दर में की गई 38 फ़ीसदी बढ़ोतरी के कारण यह निर्णय लिया गया है। हालांकि उन्होंने अपने मजदूरों को 01 महीने के लिए रोजगार ढूंढने का भी समय दिया है। राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि मजदूरों के लिए प्लांट के बाहर चिपकाये गये नोटिस में कहा गया है कि उनके खाते में जुलाई महीने का वेतन भेज दिया गया है। मानवीय आधार पर अगस्त महीने का वेतन भुगतान भी प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों और मजदूरों को किया जाएगा। अगले महीने तक मजदूर अपना रोजगार कहीं और तलाश लें। इसके बाद प्लांट मालिक उन्हें कोई सहयोग नहीं कर पाएंगे।

प्रतिदिन प्लांट मालिकों को हो रहा डेढ़ लाख का नुकसानः राधेश्याम अग्रवाल

झारखंड स्टील फर्नेस एसोसिएशन की रामगढ़ शाखा के अध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल ने रविवार शाम बताया कि रामगढ़ जिले में जितने भी प्लांट हैं वे कम से कम 50 से 60 टन इंगोट बनाते हैं। हर टन पर लगभग ढाई हजार रुपए का नुकसान उन्हें हो रहा है। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख रुपए का नुकसान प्लांट मालिक झेल रहे थे, लेकिन प्लांट बंद होने के बावजूद हर दिन 40000 का नुकसान भी प्लांट मालिकों को हो रहा है। यह नुकसान कंपनी के अन्य टैक्स के कारण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 01 अगस्त से ही हमलोग सरकार की बिजली दर की असमानता के खिलाफ आंदोलन पर चले गए हैं। जबतक सरकार इस असमानता को दूर नहीं करती है, प्लांट्स खुलने वाले नहीं हैं। आज रविवार को रामगढ़ जिले के सभी 07 प्लांट और रांची जिले का एकमात्र स्टील प्लांट टीएनटी मेटल के बाहर नोटिस चिपका दिये गये हैं।

कंपनी मालिकों ने उठाया सवाल, एक ही राज्य में दो बिजली दर क्यों?

कंपनी मालिकों ने सवाल उठाया कि आखिर एक राज्य में बिजली की दो अलग-अलग दरें क्यों हैं। दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) में बिजली दर प्रति यूनिट 2.95 रुपये है जबकि झारखंड राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बिजली की दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट है। यह डीवीसी से 2.55 रुपये प्रति यूनिट ज्यादा है। इससे अधिकतर कंपनियों को प्रतिमाह लगभग 35 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

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