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मंत्री के पैसे लेते वायरल वीडियो को लेकर झारखंड विधानसभा में हंगामा

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मंत्री के पैसे लेते वायरल वीडियो को लेकर झारखंड विधानसभा में हंगामा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का कथित तौर पर घूस लेते हुए वायरल वीडियो को लेकर भारी हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने यह मामला उठाते हुए सदन नेता से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। सोरेन ने कहा कि सरकार के मंत्री का घूस लेते हुए वीडियो वायरल हुआ है। सत्ता पक्ष के विधायक अधिकारियों के साथ मारपीट करते हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जबकि विपक्ष के विधायक मारपीट करते हैंतो उन्हें विधायकी गवानी पड़ती है। इस पर मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। इस बीच, भाजपा के राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि कार्य संचालन नियमावली के अनुसार बिना प्रमाण के कोई विषय सदन में नहीं आ सकता है। आरोप तो लगते रहते हैं। नेता प्रतिपक्ष पर भी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। वह भी सदन में स्थिति स्पष्ट करें। इस पर हेमंत ने कहा कि सीएनटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर गठित विशेष जांच दल की रिपोर्ट सदन में रखी जाये। यदि वह दोषी पाये जायेंगे, तो वह खुद उस जमीन पर बुल्डोजर चला देंगे। झामुमो के स्टीफन मरांडी ने कहा कि जिस मंत्री के बारे में आरोप लग रहे हैं, वह सदन में मौजूद हैं। ऐसे में सदन में यह मामला उठाया जा सकता है। इसके बाद झामुमो के कई सदस्य वेल में चले आये और स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने को लेकर नारे लगाने लगे। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री चंद्रवंशी ने अपनी सफाई देने की इच्छा व्यक्त की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कह सकते हैं। लेकिन जब वह खुद कुछ कहना चाहते हैं, तो कह सकते हैं। चंद्रवंशी ने कहा कि वह एक शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र में गये थे। वहां ग्रामीणों ने उनसे चबूतरा बनाने की मांग की। इस पर उन्होंने कहा कि वे लोग चंदा करके इसे बनवा लें। काम शुरू करने के लिए उन्होंने अपने बॉडीगार्ड के जरिये 16 हजार रुपये दिये और कहा कि 50 हजार चंदा जमा कर लो। इसमें से 35 हजार रख लेना और 15 हजार हमको दे देना। चंद्रवंशी ने कहा कि यही तो बात है। हमने पैसा लिया नहीं, बल्कि दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब यह मामला यहीं खत्म होता है। अब प्रश्नकाल चलने दिया जाये।

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