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बिहार में बच्चे मर रहे हैं चमकी बुखार से और डिप्टी सीएम खेल रहे हैं ट्वीटर का खेल

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बिहार में बच्चे मर रहे हैं चमकी बुखार से और डिप्टी सीएम खेल रहे हैं ट्वीटर का खेल

सिटी पोस्ट लाइव- बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है. बच्चों के मौत का सिलसिला जारी है. लेकिन इस दुःख की घड़ी में नेताओं की मानवता पर भी सवाल उठने लगे हैं. जो डिप्टी सीएम सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद हर छोटी-बड़ी घटना के बाद पीड़ीत परिवार के घर पहुँच जाते थें वे अब सता में आने के बाद इतने असंवेदनशील हो गये हैं कि मुजफ्फरपुर में एईएस पीड़ित परिवार से मिलने में कन्नी काट रहे हैं. शायद उन्हें भय है कि कहीं उन्हें लेने के देने न पड़ जाए . तभी तो पीड़ितों का दुख-दर्द कम करने की बजाए सिर्फ ट्वीट कर अपनी संवेदना जता रहे हैं.

बात बहुत पुरानी नहीं है, आज भी सबके जेहन में यह बात पूरी तरह याद होगी.. जब सुशील मोदी डिप्टी सीएम की कुर्सी से हटे थे तब वे राज्य का कोई भी जगह जाने से नहीं चुकते थे जहां किसी की प्राकृतिक आपदा में मौत हुई हो. वहां का स्थानीय विधायक भले हीं नहीं पहुंचा हो लेकिन उसके पहले सुशील मोदी वहां जरूर पहुंच जाते थे और पीड़ित परिवार को सांत्वना देते थे. परिवार से मिलने के बाद वे मौके पर हीं मीडिया को बाईट देते थे और लंबी-चौड़ी बातें करते थे. आज मुजफ्फरपुर में 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गयी है. माता-पिता की चित्कार से पूरा माहौल गमगीन है. लेकिन हर छोटी घटना के बाद दुःख बांटने के लिए दौरा पर दौरा करने वाले सुशील मोदी ने अब चुप्पी साध ली है.

लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या दूबारा डिप्टी सीएम बनने के बाद सुशील मोदी की संवेदनाएं मर गयी हैं ? राजनीतिक जानकार बताते हैं कि सुशील मोदी जब सत्ता में रहते हैं वो पुरानी बातें भूल जाते हैं. सत्ता से बाहर रहने पर वो एक भी मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहते. अगर सरकार में उनके पद कि बात की जाय तो सरकार में वें नंबर -2 की हैसियत रखते हैं.ऐसे में उनका कर्तव्य बनता है कि वे लोगों के प्रति संवेदनशील रहें. लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनकर दूर करें.अगर मुजफ्फरपुर में एईएस से 100 से अधिक बच्चों की मौत हुई है तो कहीं न कहीं सरकार कटघरे में हैं.                                                                जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट

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