बिहार कैबिनेट का फैसला-चुनाव के दौरान मारे गए कर्मचारियों के परिजनों को मिलेगा 30 लाख
सिटी पोस्ट लाइव-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को कई अहम् फैसलों पर बिहार कैबिनेट की बैठक में मुहर लगी. इस बैठक में कई अधिकारियों की बर्खास्तगी से लेकर चुनाव के दौरान निर्वाचन कर्मियों की मृत्यू होने पर मुआवजा देने का भी निर्णय लिया गया. वहीं दुसरी तरफ बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र की तारीखों की घोषणा की गई. बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 28 जून से 26 जुलाई तक चलेगा. इस सत्र में कुल 23 बैठकें होंगी और इस दौरान बजट 2019-20 को पारित कराया जाएगा. इसके पहले अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा.
कैबिनेट ने श्रम संसाधन विभाग के श्रम कल्याण पदाधिकारी के 13 पद खत्म करने का भी निर्णय लिया है. साथ ही बिहार आकस्मिकता निधि की राशि 350 करोड़ को अस्थायी रूप से 8,020 करोड़ करने का भी फैसला लिया गया. उद्योग विभाग के अवर सचिव अनिल कुमार झा को बर्खास्त करने के साथ रुपौली के डॉ योगेंद्र प्रसाद यादव की बर्खास्तगी वापस लेने का भी फैसला किया गया. वहीं, न्यायिक दण्डाधिकारी राकेश कुमार राय को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया.
इस कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी निभाने के क्रम में मारे गए कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा देने का भी फैसला किया गया है. बिहार कैबिनेट ने प्रत्येक मृतक कर्मचारी के परिजनों को 30 लाख रुपए का मुआवजा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है. हिंसात्मक घटना या दुर्घटना में मारे गए कर्मचारियों को 30 लाख रुपए, अपंगता के लिए 7 लाख रुपए और हिंसक घटना में अपंगता के लिए 15 लाख रुपये का मुआवजा देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है.
जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट
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