‘मांझी’ ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महागठबंधन दल का नेता मानने से किया इंकार
सिटी पोस्ट लाइव- लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बिहार के महागठबंधन में विवाद का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सहयोगी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. सभी राजनीतिक दल अपनी पार्टियों के हार की समीक्षा में लगे हैं. अब महागठबंधन के बीच अंतर्कलह अपने अंतिम चरण पर पहुँच गया है. कांग्रेस ने पहले ही राजद द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में भाग न लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है तो वहीं अब हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के ताजा बयान ने महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
गुरुवार को हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में मांझी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को महागठबंधन दल का नेता मानने से इंकार कर दिया. मांझी ने कहा, ‘महागठबंधन में फिलहाल कोई नेता नहीं है. लोकसभा का चुनाव सभी ने अपनी-अपनी ताकत पर लड़ा. महागठबंधन के नेता का चयन विधानसभा चुनाव के वक्त होगा.’मांझी के बयान पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने तेजस्वी यादव को नेता मान लिया है. तेजस्वी के नाम में अब कोई बदलाव संभव नहीं. तिवारी ने कहा मांझी के विरोध पर उनसे बात की जाएगी.
बता दें कि बिहार में लोकसभा के 40 सीटों के लिए हुए चुनाव में राजद सहित उसके अन्य सहयोगियों की करारी हार हुई थी. मात्र कांग्रेस को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन इस करारी हार के बाद से ही हार का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ने का सिलसिला जारी है. राजद ने हार की समीक्षा के लिए अपने सहयोगी पार्टियों की 29 मई को पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर बैठक की थी जिसमें कई नेता शामिल हुए थें. लेकिन इसमें कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा था. और अब जीतनराम मांझी ने भी तेजस्वी के विरोध में बयान देकर मामला गरमा दिया है. जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट
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