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पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने EVM को लेकर चुनाव आयोग पर ट्वीटर से साधा निशाना

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पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने EVM को लेकर चुनाव आयोग पर ट्वीटर से साधा निशाना

सिटी पोस्ट लाइव-लोकसभा चुनाव के सम्पन्न होते ही विपक्ष के नेताओं ने इवीएम को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. विपक्षी पार्टी राजद ने चुनाव आयोग की विश्वसनियता पर सवाल उठाते हुए अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं से इवीएम कि निगरानी करने को कहा है. बिहार कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने चुनाव आयोग और ईवीएम दोनों पर निशाना साधा है.उन्होंने यह निशाना ट्वीटर के जरिये साधा है.

बिहार के पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने मंगलवार को एक साथ कई ट्वीट किये और ईवीएम से छेड़छाड़ और तेजस्वी के वोटर लिस्ट में फोटो बदलने को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है.उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि देशभर के स्ट्रांग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है. ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है. ये कहाँ से आ रही है,कहाँ जा रही है? कब,क्यों,कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए.

बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने अपने ट्वीट में लिखा कि देशभर के स्ट्रोंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है. ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है. ये कहाँ से आ रही है,कहाँ जा रही है? कब,क्यों,कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए.

पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने अपने अन्य ट्वीट में लिखा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ चुनाव आयोग का ऐसा सलूक दुर्भाग्यपूर्ण है. सोचिए आम मतदाता के साथ कैसा होगा? चुनाव आयोग ने तेजस्वी की जगह किसी और का फ़ोटो लगाने के मामले में क्या कारवाई की? इसका दोषी कौन है? तेजस्वी के साथ ही ऐसा क्यों किया गया? क्या साज़िश रची जा रही थी?

उन्होंने अपने अन्य ट्वीट में लिखा कि मेरी बेटी रोहिणी मतदान से एक दिन पहले सिंगापुर से चलकर पटना आयी लेकिन मतदाता सूची से उसका नाम नदारद था? भाजपा के कार्यकर्ता सह चुनाव आयोग अधिकारी बतायें उसका नाम सूची से क्यों और किसलिए काटा गया?

मालुम हो कि विपक्ष ने शुरू से जो इवीएम के प्रति मोर्चा खोला था वो अब तक जारी है. आपको बता दें कि कई विपक्षी पार्टियों ने चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग से मिलकर इवीएम से चुनाव न कराने की अपील की थी .हालांकि चुनाव आयोग ने उनके मांग को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि इसकी निष्पक्षता पर कोई सवाल नहीं है. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था जिसे सर्वोंच न्यायालय ने भी खारिज कर दिया था.और इसके दुरूपयोग को साबित करने को विपक्ष से कहा था.
                                                                                                                                                                 जे.पी.चन्द्रा की रिपोर्ट 

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