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एक दूसरे से कभी जुदा नहीं होतीं सबा और फरहा, चुनाव आयोग ने बताया कैसे डालेंगी वोट

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एक दूसरे से कभी जुदा नहीं होतीं सबा और फरहा, चुनाव आयोग ने बताया कैसे डालेंगी वोट

सिटी पोस्ट लाइवः 19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग होनी है। इस दिन बिहार की आठ लोकसभा सीटों के लिए भी मतदान होगा। वोटिंग के दौरान अक्सर कई तस्वीरें ऐसी देखने को मिलती हैं जो बेहद अजीब और दिलचस्प होती हैं। 19 मई को भी वोटिंग के दौरान ऐसी हीं एक दिलचस्प तस्वीर देखने को मिलेगी।़ इस दिन सबा और फरहा नाम की जुड़वा बहने भी मतदान करेंगी। दरअसल चुनाव आयोग पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर चुनाव की सच्ची कहानियां दिखा रहा है। उन कहानियों को जगह दे रहा है जो चुनाव के दौरान घटी हैं। इन्हीं में एक कहानी है पटना की दो बहनों, सबा फराह की जो सिर से जुड़ी हैं। इनकी कहानी को चुनाव आयोग ने ट्विटर पर ट्वीट के जरिए 13 मई को शेयर किया है, जिसमें इस सवाल का जवाब दिया गया है कि अगर दो व्यक्ति के सिर जुड़े हैं तो उनका एक वोट होगा या वो दो वोट डालेंगे।उन्होंने इस बात की जानकारी एक सच्ची कहानी के जरिए बतायी।

ये कहानी है बिहार के पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की, जहां जुड़़वा बहन सबा और फ़राह के सिर आपस में जुड़े हैं। चुनाव आयोग ने उनकी कहानी के जरिए बताया कि कैसे दोनों बहनों ने मतदान का फर्ज निभाया। ये सच्ची कहानी है पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र की जुंडवा बहनों, सबा और फ़राह की, जिनके सिर जन्म से ही जुड़े थे। सबा और फराह के सिर जन्म से ही जुड़े हैं और जब मतदान पहचान पत्र बनाने के लिए सबा और फराह ने फॉर्म भरा तो पहचान पत्र में उनकी तस्वीर देखकर आयोग हैरान रह गया। चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि अगर वो उन्हें दो मतदाता मानते हैं तो ये बूथ में साथ जाएंगी और एक मानते हैं तो दूसरे की पहचान चली जाती है।सबा और फराह के शरीर तो दो थे लेकिन दिमाग एक। ऐसे में चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ी पहेली यही थी कि ये दोनों अपना वोट कैसे देंगी?

इसके बाद चुनाव आयोग ने इस जटिल पहेली का हल निकाल लिया। दोनों का नाम एक ही वोटर कार्ड पर डाला गया। इससे दोनों की पहचान भी अलग-अलग हो गई और वोट एक हो गया। अब दोनों एक-दूसरे की राय लेकर सोच-समझकर वोट डाल सकेंगी। इसके बाद इस पहेली के सुलझने के बाद दोनों ने विधानसभा चुनाव में 18 अक्टूबर 2015 को दीघा विधानसभा क्षेत्र में एक वोट और डाला था जो सबा और फराह का था।पटना के समनपुरा इलाके में रहने वाली 23 वर्षीय सबा-फराह जुड़वा बहनें हैं जो जन्म से ही सिर से एक-दूसरे से जुड़ी हैं। दोनों के ऑपरेशन को लेकर बहुत प्रयास किया गया। लेकिन, जांच के बाद चिकित्सकों ने इसे जटिलतम ऑपरेशन बताया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों को अलग करने के लिए कराए जानेवाले ऑपरेशन से मना कर दिया था। क्योंकि ऑपरेशन में दोनों बहनों में से किसी एक की जान जाने की संभावना थी।बिहार की दो सिर से जुड़ी बच्चियां सबा-फराह के ऑपरेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इनकार करने के बाद बिहार सरकार से हर महीने इनके परिवार को पांच हजार रुपये भी देने को कहा था।

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