City Post Live
NEWS 24x7

प्रतिष्ठा और प्रतिशोध की लड़ाई लड़ रहे ये 6 दिग्गज, दो बेटियां लड़ रहीं विरासत की जंग

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

प्रतिष्ठा और प्रतिशोध की लड़ाई लड़ रहे ये 6 दिग्गज, दो बेटियां लड़ रहीं विरासत की जंग

सिटी पोस्ट लाइवः लोकसभा चुनाव के 6 चरण समाप्त हो चुके हैं और इन 6 चरणों में बिहार की 32 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो गयी है। बाकी बची 8 लोकसभा सीटों पर अंतिम चरण में 19 मई को वोटिंग होनी है। अंतिम चरण का चुनाव भी बेहद दिलचस्प है। क्योंकि लगभग आधा दर्जन वैसे राजनीतिक दिग्गज चुनावी मैदान में हैं जो या तो अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रहे हैं या फिर प्रतिशोध के लिए मैदान में उतरे हैं। कोशिश अपनी पुरानी हार का बदला लेने की भी है। दे बेटियों का जिक्र भी जरूरी है जो विरासत की जंग लड़ रही हैं। बिहार में सातवें चरण के तहत 8 संसदीय सीटों- पटना साहिब, पाटलिपुत्र, नालंदा, बक्सर, जहानाबाद, आरा, सासाराम और काराकाट पर 19 मई को वोट डाले जाएंगे.

इनमें विरासत की जंग जहां दो बेटियां चुनावी मैदान में हैं. पाटलिपुत्र से लालू याद की बड़ी बेटी मीसा भारती और भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार साराराम से चुनाव लड़ रही हैं, वहीं एनडीए सरकार के चार मंत्रियों की किस्मत दांव पर है. इस चरण की आठ सीटों में से छह सीटों पर पुराने योद्धा ही चुनाव लड़ रहे हैं. एक तरफ वो उम्मीदवार हैं जो जीत के रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ वो उम्मीदवार है जो 2014 की चुनावी हार का बदला लेने के लिए फिर से मैदान में उतरे हैं.सबसे खास ये है कि इन 8 में से सिर्फ नालंदा और पटना साहिब ऐसी सीटें हैं जिस पर दोनों ही गठबंधनों से उम्मीदवार पहली बार आपस में टकरा रहे हैं. इस सीट से पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम 8 बार सांसद रहे. इस कारण यह बिहार की वीआईपी सीटों में शामिल है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सासाराम से एक बार फिर बाबू जगजीवन राम की बेटी कांग्रेस की मीरा कुमार और बीजेपी के छेदी पासवान एक दूसरे के आमने-सामने है.

यूपीए सरकार के कार्यकाल में लोकसभा स्पीकर की जिम्मेदारी संभाल चुकी मीरा कुमार को 2014 में बीजेपी के छेदी पासवान से हार का सामना करना पड़ा था. यहां से आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को लगभग 40 हजार वोटों से हराया था. मीसा के लिए राहत की बात यह है कि पिछले चुनाव में 51 हजार से ज्यादा वोट हासिल करने वाले माले ने इस बार अपना उम्मीदवार नहीं उतार कर मीसा को समर्थन का ऐलान कर दिया है. यहां से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और आरजेडी के दिग्गज नेता जगदानंद सिंह आमने-सामने हैं. चौबे 2014 की तरह चुनावी जीत हासिल करना चाहते हैं वहीं आरजेडी के दिग्गज नेता और लालू यादव के करीबी जगदानंद सिंह 2014 की चुनावी हार का बदला लेने के लिए मैदान में उतरे हैं.

इस सीट पर यादव और गैर यादव वोटरों के बीच ध्रुवीकरण की राजनीति होती रही. आरा सीट पर मोदी लहर में 2014 में पहली बार कमल खिला था. केन्द्र सरकार में गृह सचिव की जिम्मेदारी संभाल चुके आरके सिंह ने बीजेपी के टिकट पर यहां से जीत हासिल की थी. बाद में वे मंत्री भी बनाए गए. बीजेपी ने एक बार फिर से उन्हीं पर भरोसा करते हुए लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. दूसरी तरफ आरजेडी के समर्थन से माले उम्मीदवार राजू यादव 2014 की हार का बदला लेने के लिए फिर से चुनावी मैदान में हैं.

-sponsored-

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.