विशेष : बिहार के बेगूसराय सीट को मीडिया ने बनारस से भी ज्यादा हॉट सीट बनाया
सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा के चौथे चरण में बिहार की पाँच सीट दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, मुंगेर और बेगूसराय में 29 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं। इन पाँचों सीटों में बेगुसराय सीट को मीडिया ने देश का सबसे हॉट सीट बना डाला है। इस सीट को बनारस, जहाँ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार हैं, उससे भी महत्वपूर्ण सीट बनाकर, गोया राजनीति की ऐसी बयार बहाई जा रही है, मानो भारतीय राजनीति के नए युग की शुरुआत इस सीट से होने वाला हो। मीडिया इस सीट को जितना तवज्जो दे रहा है, जमीनी हकीकत वैसी नहीं है। हद की इंतहा तो यह है कि बेगुसराय के इस चुनाव की रिपोर्टिंग के लिए देश के चर्चित पत्रकार रविश कुमार, श्रीकांत प्रत्यूष और राहुल कंवल के साथ-साथ देश के कई नामचीन पत्रकार पहुँचे। यही नहीं, बीबीसी से लेकर विदेशी मीडिया भी बेगुसराय से रिपोर्टिंग के लिए बाध्य हो गयी ।
बेगुसराय सीट से पूर्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष और कई मायने में देश स्तर पर अपने बयानों की वजह से खासा विवादित रहे डॉक्टर कन्हैया कुमार सीपीआई से उम्मीदवार हैं। कन्हैया कुमार के नामांकन में विवादित दलित कांग्रेसी विधायक जिग्नेश मेवाणी, शेहला रशीद, गुरमेहर और पूर्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष नजीब की माँ फातिमा नफीस शामिल हुईं थीं। नामांकन गाजे-बाजे और बड़े तामझाम से हुआ था। कन्हैया के खिलाफ बीजेपी ने फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। उनके नामांकन में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और जदयू के आर.सी.पी.सिंह के साथ कई और कद्दावर नेता शामिल हुए थे। राजद ने यहाँ से तनवीर हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है।
यह सही है कि यह सीट भाजपा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण सीट है लेकिन इसे कन्हैया की वजह से हॉट सीट बनाने की कवायद, ओछी राजनीति और मीडिया के प्रपंच का साबूत और जिंदा इश्तेहार है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि चुनाव लड़ने के नाम पर बेबसाईट के जरिये कन्हैया ने करोड़ों रुपये चंदे से इकट्ठा किया है। पर्दे के पीछे से देश के कई विवादित लोग कन्हैया को अलग से फंड उपलब्ध करा रहे हैं,जिसके सबूत जुटा पाना, खुफिया एजेंसी के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। कन्हैया के चुनाव प्रचार में फिल्मी हस्तियां भी काफी रुचि दिखा रही हैं। अभिनेत्री स्वरा भास्कर और अभिनेता प्रकाश राज ने कन्हैया के लिए जमकर प्रचार किये। प्रकाश राज ने कन्हैया को आमलोगों की आवाज होने का जयकारा लगाया। फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी और जावेद अख्तर ने भी कन्हैया का प्रचार किया।
इनदोनों को कन्हैया में भारत का भविष्य नजर आ रहा है ।यही नहीं देश के शीर्ष वाम नेता सीताराम येचूरी और कॉमरेड योगेंद्र यादव ने भी कन्हैया के लिए जमकर प्रचार किये ।खासकर के शेहला रशीद ने तो कैम्प कर के प्रचार किये ।कन्हैया कुमार लगातार घूम-घूमकर प्रचार कर रहे हैं और अपनी हर सभा में नरेंद्र मोदी को निशाने पर ले रहे हैं ।कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है ।भारतीय डाक विभाग के घाटे को लेकर कन्हैया कुमार ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि वह हर दिन 20 घंटे काम करते हैं,इस वजह से देश बर्बाद हो रहा है ।कन्हैया कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि एयर इंडिया,बीएसएनएल,एचएएल के बाद भारतीय डाक विभाग की हालत खराब हो गई है ।
कन्हैया कुमार ने अपने ट्वीट कर आगे लिखा है कि एयर इंडिया, बीएसएनएल, एचएएल के बाद अब भारतीय डाक विभाग की भी हालत ख़राब हो गई है और उसे 15,000 करोड़ रु. का घाटा हुआ है। देश यूं ही बर्बाद नहीं हो रहा, चौकीदार साहेब ने इसके लिए हर दिन 20 घंटे काम किये हैं,वह भी बिना कोई छुट्टी लिए। दरअसल,मीडिया में यह खबर चल रही है कि सरकारी कंपनी इंडिया पोस्ट (भारतीय डाक) ने घाटे के मामले में बीएसएनएल और एयर इंडिया को भी पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2018-19 में इंडिया पोस्ट को कुल 15,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पिछले तीन वित्तीय वर्ष में इंडिया पोस्ट का घाटा बढ़कर 150 फीसदी हो गया है।
अब यह सबसे ज्यादा घाटे वाली सरकारी कंपनी हो गई है। यानि कन्हैया ने नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेकर, अपनी राजनीतिक नैया को पार लगाने की बड़ी रणनीति तैयार कर रखी है। गिरिराज सिंह के लिए कई बड़े नेताओं के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ अमित शाह ने चुनावी सभा को संबोधित किया। राजद के तनवीर हसन के लिए राजद के नायक तेजस्वी यादव ने खुद से चुनावी सभा को संबोधित किया। चुनाव मैदान में उतरना और जीत के लिए तरह-तरह के तिकड़म करना,राजनीति का एक हिस्सा है। लेकिन कन्हैया को जिस तरह से महिमा मण्डित किया जा रहा है। वह कहीं से भी जायज नहीं है। मधेपुरा से जाप प्रत्यासी पप्पू यादव, अपनी भद पिटवा कर,अब कन्हैया के प्रचार में जुट गए हैं। बेगुसराय, राजनीति में किसी हद तक गिड़ा जा सकता है,इसका अखाड़ा साबित हो रहा है।
हिंदुस्तान में वाम विचारधारा से आजतक क्या हासिल हुआ है,इसपर मंथन और बहस-विमर्श की जरूरत है। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक वाम दल का शासन रहा लेकिन देश में सबसे अधिक गरीबी और अन्तः कलह पश्चिम बंगाल में ही है। वाम दल की विचारधारा से ही निकली ममता बनर्जी का शासनकाल देश के लिए अभी काल बना हुआ है। वाम विचारधारा ने नक्सलवाद को पैदा किया और लेवी वसूली की अपसंस्कृति को विकसित किया। गौरतलब है कि इस देश में वाम विचारधारा का अधिक प्रभाव नहीं रहा है। बेगुसराय की चुनावी दंगल की बात करें तो,यहाँ त्रिकोणीय मुकाबला है। गिरिराज सिंह, कन्हैया कुमार और तनवीर हसन के बीच जोरदार टक्कर है। मीडिया, कन्हैया को अधिक मजबूत दिखा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर गिरिराज सिंह मजबूत दिख रहे हैं। वैसे जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा, इसकी पहली तस्वीर 29 अप्रैल को मतदान के दिन दिखेगी और सारा धूंध 23 मई को साफ हो जाएगा,जब ईवीएम का पिटारा खुलेगा।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह का “चुनाव विश्लेषण “
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