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बिहार के प्रमुख लोक सभा क्षेत्रों में किसके साथ किसका मुकाबला, जानिये

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बिहार के प्रमुख लोक सभा क्षेत्रों में किसके साथ किसका मुकाबला?

कौन, किसके खिलाफ ठोक रहा है ताल, कौन जीतेगा कौन हारेगा?

सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होना है. बिहार में एक तरफ सत्तारूढ़ JDU और BJP है तो दूसरी तरफ RJD -कांग्रेस सहित कई पार्टियों का महागठबंधन है. बिहार के चुनाव में इस बार सबसे ख़ास बदलाव ये है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलनेवाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार मोदी को पीएम बनाने के लिए  वोट मांग रहे हैं.  बिहार की 40 सीटों का गणित क्या कहता है. किस पार्टी का प्रत्याशी, कहां से, किसके खिलाफ मैदान में  और इसका फायदा किसे मिल सकता है, ये सवाल सबसे ज्यादा दिलचस्प है.

सबसे पहले नजर डालते हैं शाहाबाद की लोक सभा सीटों पर जहाँ 8 लोकसभा सीट हैं. बक्सर, आरा, सासाराम, काराकाट, गोपालगंज, सीवान, महाराजगंज और सारण. बक्सर, आरा, सासाराम और काराकाट में उच्च जातियां अधिक संख्या में हैं. इसका फायदा एनडीए को मिलता रहा है. वहीं जातिगत समीकरणों के लिहाज से RJD के लिए सीवान, महाराजगंज, गोपालगंज और सारण काफी मुफीद है. हालांकि 2014 में सीवान की सीट पर मोदी लहर में भाजपा के ओमप्रकाश यादव जीते थे. यह क्षेत्र बाहुबली शहाबुद्दीन के कारण भी अक्सर चर्चा में रहता है. वहीं आरा में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को मैदान में उतारा है. बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की लड़ाई RJD  के मजबूत प्रत्याशी जगदानंद सिंह से है. यहां RJD यादव-मुस्लिम के साथ राजपूत वोटरों को भी साधने की कोशिश में है. ऐसा हुआ तो केंद्रीय मंत्री चौबे के लिए मुश्किल हो सकती है. सारण से केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी मैदान में हैं. उनके खिलाफ लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका प्रसाद यादव हैं.

पाटलिपुत्र-मगध में कसभा की 10 सीटें हैं. पाटलिपुत्र, पटना साहिब, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, बांका, मुंगेर और नालंदा. इस बार पटना साहिब फोकस में है क्योंकि यहां BJP ने शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है. वहीं शत्रुघ्न सिन्हा BJP छोड़कर कांग्रेस में चले गए और इस सीट से फिर चुनावी मैदान में हैं. उधर, पाटलिपुत्र सीट पर भी जबरदस्त लड़ाई है. इस सीट पर लालू यादव की बेटी मीसा भारती मैदान में हैं तो वहीं BJP की तरफ से केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव मैदान में हैं. नीतीश कुमार का गढ़ नवादा में भी JDU और मांझी की पार्टी ‘हम’ के प्रत्याशियों के बीच अहम मुकाबला है. पाटलिपुत्र, पटना साहिब, जहानाबाद और नालंदा में सातवें चरण के तहत 19 मई को मतदान है. वहीं औरंगाबाद, गया और नवादा में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान है. बांका में 18 अप्रैल को और मुंगेर में 29 अप्रैल को चौथे चरण में चुनाव है.

चंपारण में  तीन लोकसभा क्षेत्र हैं. बाल्मीकि नगर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण. 2014 के लोकसभा चुनावों में BJP ने तीनों सीटों पर जीत दर्च की थी. हालांकि इस बार बाल्मीकि नगर को BJP ने JDU के खाते में दे दिया है.

मिथिलांचल.

मिथिलांचल में लोकसभा की 10 सीटें हैं. सीतामढ़ी, शिवहर, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, हाजीपुर, मधुबनी, झांझरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा. इस क्षेत्र में लालू यादव की पार्टी RJD काफी मजबूत है. यादव-मुस्लिम वोटरों के अलावा अति पिछड़ा वर्ग के वोटरों की संख्या भी इन क्षेत्रों में अधिक है. BJP के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय यहां उजियारपुर से चुनावी मैदान में हैं. उधर, महागठबंधन के हिस्से से आरएलएसपी के हिस्से में यह सीट है. खुद उपेंद्र कुशवाहा यहां से मैदान में हैं. इसी तरह समस्तीपुर सीट पर एनडीए की तरफ से लोजपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है. यहां केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान चुनाव लड़ रहे हैं. दरभंगा, समस्तीपुर और उजियारपुर में 29 अप्रैल को, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और मधुबनी में 6 मई को मतदान है. शिवहर और वैशाली में 12 मई जबकि झांझरपुर में 23 अप्रैल को मतदान है.

कोसी

कोसी में 5 लोकसभा क्षेत्र हैं. इनमें सुपौल, मधेपुरा, बेगूसराय, खगड़िया और भागलपुर शामिल हैं. इस लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में बेगूसराय हॉट सीट की तरह है. यहां से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का मुकाबला बाम दल के युवा नेता कन्हैया कुमार से है. सुपौल से पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन मैदान में हैं. RJD की तरफ से शरद यादव मधेपुरा से मैदान में हैं. उनके खिलाफ पप्पू यादव इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

सीमांचल में 4 लोकसभा सीटें हैं. इनमें अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज शामिल हैं. यहां मुस्लिम आबादी अधिक है, इसलिए एनडीए के लिए यहां बड़ी चुनौती है. इस बार एनडीए की तरफ से JDU को तीन सीटें यहां मिली हैं. किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया. ऐसे में नीतीश कुमार के सामने इन सीटों पर जीत दर्ज करवाने की चुनौती भी है. वहीं महागठबंधन में ये तीनों सीटें कांग्रेस के खाते में हैं. अररिया सीट जरूर राजद के पास है.

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