हजारीबाग से घोषित नहीं हुआ विपक्षी गठबंधन का प्रत्याशी, सहमति बनाने में लगी है भाकपा
सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग: लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में हजारीबाग में मतदान होना है। 10 अप्रैल से इस सीट के लिए नामांकन प्रारंभ होना है लेकिन अभीतक विपक्षी गठबंधन से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। बताया जा रहा है कि हजारीबाग सीट से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी की पुत्री अम्बा प्रसाद, शिवलाल महतो, गोपाल साहू एवं जयशंकर पाठक को हजारीबाग से प्रत्याशी बनाने की चर्चा है। इसके बावजूद भाकपा के राज्य सचिव एवं पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी अपना प्रयास नहीं छोड़ा है। वे आज भी विपक्षी गठबंधन से हजारीबाग की सीट छोड़ने के प्रयास में लगे हैं। हालांकि चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मेहता को पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ने का उपाय सुझाया है। पार्टी इस प्रयास में है कि मेहता कांग्रेस के टिकट पर ही हजारीबाग सीट से लोकसभा चुनाव लड़ें। इस बाबत कांग्रेस के बड़े नेताओं का तर्क है कि ऐसी स्थिति में कांग्रेस न केवल 2019 के चुनाव में कड़ी टक्कर देने की स्थिति में होगी बल्कि भविष्य के चुनाव के लिए भी इस सीट से कांग्रेस का ही दावा रहेगा लेकिन मेहता कांग्रेस में जाने की चर्चाओं का खंडन कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे भाकपा से प्रत्याशी हैं और भाजपा को इसबार कड़ी टक्कर देंगे। यह अलग बात है कि मेहता का प्रयास विपक्षी गठबंधन से जुड़कर हजारीबाग सीट से लोकसभा का चुनाव भाजपा के विरुद्ध लड़ने का है। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि वामपंथी दलों में भी विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन देने की सहमति बन रही है। धनबाद को लेकर मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) ने चुनाव न लड़ने की घोषणा करते हुए गठबंधन के प्रत्याशी को समर्थन देने की बात कही है। झाविमो के बाबूलाल मरांडी, झामुमो के हेमन्त सोरेन और राजद के लालू यादव, भाकपा के लिए हजारीबाग सीट छोड़ने के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाए हुए हैं। हजारीबाग सीट भाकपा के लिए छोड़ने की स्थिति में मरांडी को कोडरमा से फायदा होने वाला है। भुवनेश्वर मेहता के बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र एवं कोडरमा में होने वाले प्रभाव का लाभ मरांडी को मिल सकता है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अजय कुमार एवं हजारीबाग से भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा का एक साथ फोटो वायरल होने से डाॅ. कुमार पर भी दबाव है। उनपर हजारीबाग सीट से कमजोर प्रत्याशी देने का आरोप लग रहा है। इस आरोप से डाॅ. कुमार द्वारा अब बचने की बात कही जा रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिनों में कांग्रेस हजारीबाग सीट भाकपा के लिए छोड़ दे या फिर भुवनेश्वर मेहता को ही पार्टी का प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा करे।
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