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“विशेष” : जिस्म की आग बुझाने के लिए पत्नी ने डॉक्टर पति की कराई हत्या

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“विशेष” : जिस्म की आग बुझाने के लिए पत्नी ने डॉक्टर पति की कराई हत्या

सिटी पोस्ट लाइव ‘”विशेष” : रिश्ते के सारे मजबूत पाए एकसाथ भड़भड़ा कर गिर गए। इंसानियत का सीना चाक हो गया।विश्वास, भरोसा, प्रेम, प्यार, त्याग और बलिदान की हत्या हो गयी। घटना बिहार के सहरसा जिले की है, जहां एक पत्नी ने अपने जिस्म की आग बुझाने के लिए अपने ही डॉक्टर पति को सदा के लिए खामोश करवा दिया। बीते 19 मार्च को सहरसा सदर थाना के बैजनाथपट्टी इलाके में ऑल्टो से सुपौल की तरफ से सहरसा आ रहे डॉक्टर किशोर भास्कर की गर्दन में दो गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।हमारी समझ से देश की यह पहली हत्या थी, जिसमें दो गोली मारने के बाद हत्यारे का पिस्टल हाथ से गिरकर कार में ही छूट गया था। जिस समय डॉक्टर की हत्या की गई थी, उस समय डॉक्टर गाड़ी चला रहे थे।

घटनास्थल की सारी स्थिति देखकर यह घटना के दिन ही पता चल गया था कि हत्यारा डॉक्टर का कोई करीबी था, जो पीछे की सीट पर बैठा था। गोली मारने से पहले हत्यारे ने गाड़ी सुनसान जगह पर सड़क के किनारे खड़ी कराके गोली मारी थी। हत्या किसी पेशेवर हत्यारे ने नहीं कि थी और पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक दिवंगत डॉक्टर शांत और शालीन स्वभाव के थे। उनसे किसी की कोई दुश्मनी नहीं थी। सदर थाना के गंगजला चौक पर डॉक्टर का निजी क्लिनिक है और क्लिनिक से कुछ हटकर संत नगर में अपना निजी आवास है। मृतक डॉक्टर के पिता ने इस हत्या का आरोपी डॉक्टर अजहर को बनाया था। लेकिन सहरसा पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार और एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने आरोपी डॉक्टर अजहर को गिरफ्तार नहीं किया और इस घटना के तह में उतरते चले गए।

इन दोनों अधिकारियों ने डॉक्टर के घर के आसपास अपने कर्मियों को सादे लिबास में भेजकर घर की गतिविधि पर नजर रखवाने लगे। इधर इस हत्या से बौखलाए डॉक्टर के संघ IMA और IDA ने सरकारी सहित सभी नर्सिंग होम और क्लिनिक को पूरे जिले में बन्द कराकर स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प करा दी। लेकिन बीती देर शाम पुलिस ने इस मामले का पटाक्षेप कर लिया। आज सहरसा एसपी राकेश कुमार ने एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के सामने इस हत्या पर से पर्दा उठा दिया। यह हत्या डॉक्टर किशोर भास्कर की पत्नी नेहा कुमारी ने अपनी यौन तृष्णा की तुष्टि के लिए अपने प्रेमी सगे फुफेरे देवर बबबम चौधरी से करवाई थी। डॉक्टर किशोर भास्कर की शादी 2012 में हुई थी। बीते साढ़े चार साल से नेहा बमबम के प्यार में पागल थी और खुलकर अपना जिश्म बमबम को परोस रही थी।

बमबम दो साल पहले तक मृतक डॉक्टर के घर पर रहकर ही पढ़ाई करता था। डॉक्टर की अनुपस्थिति में नेहा और बमबम जमकर जिस्मानी खेल खेलते थे। दो साल पहले डॉक्टर किशोर भास्कर को थोड़ी शंका हुई तो उसने बमबम को अपने घर से विदा कर दिया। बमबम हरियाणा चला गया और वहां पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने लगा। लेकिन जिस्म की आग दोनों तरफ बराबर लगी थी। बमबम मौका ताड़कर सहरसा आता था। नेहा और बमबम के पास दो अलग-अलग सिम कार्ड थे, जिससे महज वे दोनों ही बात करते थे।बमबम अक्सर सहरसा आता था और किसी दूसरी जगह पर ठहरता था। डॉक्टर की अनुपस्थिति में वह नेहा के पास आ जाता था और दोनों मिलकर हवस की आग ठंढी करते थे।

मृतक डॉक्टर किशोर भास्कर को 10 महीने का एक बेटा था, जिसकी मौत आज से 20 दिन पहले ईलाज के दौरान हो गयी थी। सूत्रों की मानें तो,नेहा ने बच्चे को जहर पिलाकर मार डाला था। नेहा स्वतंत्र रूप से बमबम के साथ रहना चाहती थी लेकिन इसके लिए वह कोई रास्ता नहीं निकाल पा रही थी। बीते 16 मार्च को बमबम आया तो, नेहा ने डॉक्टर भास्कर को किसी तरह से रास्ते से हटाने की बात बमबम से की। बमबम ने नेहा के पैसे से ही पिस्टल खरीदा और डॉक्टर को विश्वास में लेकर उनके साथ ही कार से निकला और फिर इस हत्या की घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस ने नेहा और बमबम से सारी बातें उगलवा ली है ।नेहा और बमबम को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

एक हत्यारिन पत्नी ने भारतीय समाज की रिवायतें और रिश्तों की सारी मेड़ों को यौन सुख के लिए तोड़ डाला। रिश्ते और मर्यादा पर भारी पड़ा हवस। बदलते सामाजिक परिवेश में किसी भी सगे रिश्ते में अब पौराणिक गर्माहट, निष्ठा, आदर्श और समर्पण नहीं रहा है। काम वासना बहुतों घटनाओं की आज बुनियाद साबित हो रही है। नेहा ने और बमबम ने ना केवल रिश्ते की हत्या की है बल्कि विश्वास और भरोसे का भी सर कलम कर दिया है। अब कानून इस देह प्रेमी जोड़े को जो भी सजा दे लेकिन एक शालीन डॉक्टर हवस के इस खेल में अपनी जान गंवा बैठा। सही मायने में, सभी खेल पर जिश्म का खेल भारी है और इस खेल का अमूमन अंजाम बेहद बुरा होता है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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