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टिकट कटने पर छलका कडि़या मुंडा का दर्द कहा, दिल्ली से वापस खेत में पहुंचा

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टिकट कटने पर छलका कडि़या मुंडा का दर्द कहा, दिल्ली से वापस खेत में पहुंचा

सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: लोकसभा चुनाव का टिकट कटने से भाजपा के कद्दावर नेता और पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित वर्तमान सांसद कडि़या मुंडा का दर्द छलक आया। उन्होंने कहा कि खेतों से निकलकर संसद पहुंचे थे, अब वापस दिल्‍ली से खेतों में पहुंच गये हैं। राजनीति के जानकारों की मानें, तो जिस समय कड़िया मुंडा को उनकी कड़ी मेहनत, निष्‍ठा और सेवा भाव की राजन‍ीति के लिए पद्मभूषण प्रदान किया गया था। उस घड़ी में इसे राजनीतिक विश्‍लेषक उनकी सक्रिय राजनीति से विदाई के तौर पर भी देख रहे थे। बहरहाल झारखंड की खूंटी से भारतीय जनता पार्टी के सीटिंग सांसद कडि़या मुंडा का टिकट लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कट गया है। खूंटी से भाजपा नेता व पूर्व मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। शुक्रवार देर रात दिल्‍ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बीच कडि़या मुंडा शनिवार को खूंटी पहुंच गये । चुनाव में टिकट कटने पर उन्‍होंने कहा कि वे खेतों से निकलकर दिल्‍ली पहुंचे थे। अब वापस खेत-खलिहान में चले जाएंगे।
आठ बार खूंटी से सांसद रहे कडिया मुंडा
कडि़या मुंडा ने कहा कि पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया, तो पुनः खेत खलिहान पहुंच जाऊंगा। उन्होंने कहा कि राजनीति कोई पेशा नहीं है। यह तो सेवा का प्लेटफॉर्म है। पेशा मेरा खेती है। पुनः इसे अपनाऊंगा। उन्होंने कहा, मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं। संगठन का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी एवं खूंटी की जनता ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। आठ बार यहां से प्रतिनिधित्व का मौका मिला। मुंडा ने कहा कि उनकी बहुत सारी इच्छाएं पूरी हो गईं। मलाल यही रहा कि जिस सोच के साथ झारखंड का निर्माण हुआ, वह पूरा नहीं हो सका। लोगों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल सकी। बता दें कि खूंटी लोकसभा यूं तो भाजपा के लिए एक मजबूत किला के रूप में जाना जाता रहा है, जहां से कडिय़ा मुंडा आठ बार सांसद रह चुके हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार सुशीला केरकेट्टा 2004 में कडि़या मुंडा को हराकर खूंटी लोकसभा क्षेत्र की सांसद बनी थी। 2009 में पुन: वापसी करते हुए कडिय़ा मुंडा इसी सीट से निर्वाचित हुए थे। 2014 में भी कडिय़ा मुंडा ने इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखते हुए जीत दर्ज कराई थी। विदित हो कि कडिय़ा मुंडा लोकसभा में उपाध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं।
विकास के मुद्दे पर निष्क्रियता का आरोप
कड़िया मुंडा अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में विधायक के अलावा केंद्र में कोयला मंत्री, स्टील एन्ड माइंस सहित कई विभागों में मंत्री रहे। लोकसभा के उपाध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके हैं। लोगों का आरोप है की इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद भी उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया। गांव के लोग भी कहते हैं कि उन्होंने अपने सांसद को बहुत देखा है। वे संसदीय क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं से कटे रहे।

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